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________________ IUI जैनकथा रत्नकोष नाग पांचमो. नित्य बे एम मानो, ने योगमार्गमां देम पामो ए नित्य श्रात्मा नामें बीजुं स्थानक पुरुं ययुं ॥ २ ॥ हवे आत्मा कर्त्ता ने आत्मा नोक्तानां स्थानक नांखुं बुं. जे मतवादियो जूटुं लवे बे, बोले बे, ते मुजने रुचता नथी. ॥ एक वेदांती बीजो सांख्य, कहे कर्ता जोक्ता नहिं मुख्य ॥ प्रथम कहे दृग् मात्र प्रमाण, नास उपाधिभेद मंमाण ॥ ३५ ॥ अर्थः- हवे एक वे दांती ने बीजो सांख्य ए बे वादी कहे वे के, आत्मा कर्त्ता जोक्ता न थी. तेमांहे प्रथम वादी वेदांती कहे बे, जे दृगुमात्र ज्ञानमात्र प्रमाण बे, सर्व वादी ज्ञान माने बे, जल पृथ्वी ते एक ले, अनादि अनंत बे, नेदा दि प्रतिनास चित्तोपाधि विषयक बे, ते ज्ञाननी उपाधि विश्वनेदनु मंमा बे, श्रात्माध्यासरूप सर्व प्रपंच बे ॥ ३५ ॥ ॥ मायादिक मिश्रित उपचार, ज्ञान अज्ञान ग्रंथी संसार ॥ दृश्यपणें मि य्या परपंच, सघलो जिम सुहगानो संच ॥ ३६ ॥ अर्थः- ( माया के० ) ज्ञान 'अहं मां नजानामि' इत्यादि प्रसिद्ध सर्व प्रपंच मूलकारण अ नादाव ते प्रमुख री मिश्रित जे उपचार ते ज्ञान यज्ञाननी गांठरूप संसार बे, अज्ञानाध्यस्तने विषे शरीराध्यस्तने विषे, इंडियाध्यस्त इत्यादि न पचार ग्रंथी जाणवी, सर्व प्रपंच दृश्यपणा माटे मिथ्या बे, जेम सुहणा नो संच स्वप्नमोदकादिक कहेवाय तेम बे ॥ ३६ ॥ || जिम कटकादिविकारें हेम, सत्य ब्रह्म जगजालें तेम || जे परिणामी तेह संत, परिणाम मत कहे वेदंत ॥ ३७ ॥ अर्थः- जेम कटक के यूर प्रमुख सुवर्णना विकार बे, ते जुग ते कार्य पणे बे जेहना एवं हेम बे, ते जगजालरूप विकार जूठा बे, ते मध्ये य विकारी ब्रह्म सत्य बे. जे परिणामी ते सत्, जे अपरिणामी ते सत्, एम वेदांत कहे बे ॥ कालव त्यनावप्रतियोगित्वमसत्यत्वं तन्नित्वं सत्यत्वं ॥ नक्तंच ॥ श्रादावंतेचयन्ना स्ति मध्ये पिचितत्तथा ॥ वितयैः सदृशाः संतो वितथा श्व लक्षिताः ॥ ३७ ॥ ॥ जिम तातादिकता कह्या, श्रुतिसुषुयतें बुद्ध सह्या ॥ तिमज्ञा तुं ब्रह्म, यहिज्ञानें नासे हिर्दम ॥ ३८ ॥ यर्थः-जेम तात प्रमुख बता कह्या, त्र ' पिता अपिता भवति, माता माता भवति, ब्राह्मणो ब्राह्मणो नवति, चूणहा खचूणहा नवति' इत्यादि श्रुतें वेदां त पंमितें सह्या. तेम यात्मज्ञानं ब्रह्मां यतुं थाय. जेम यहिज्ञानें
SR No.010250
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages401
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size44 MB
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