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________________ श्रीसम्यक्त्वसित्तरी. ३०१ सर्वयति बोल्या, अमारामां कोई एवो डेज नहीं जे एवं काम करे! परं तु एक परोणो यति धाव्यो हतो तेणे की, होय तो तेनी अमने खबर नथी. पड़ी तेनी खबर काहाढवामाटे वनने विपे गया, त्यां सागरचंइसा धुने दीठा, तेमने देखीने राजा लगा पाम्यो थको नीचं मुख करी उनो र ह्यो. सागरचंसाधुयें कडं के नलो तें चंशवतंसक राजानो वंश दीपाव्यो! जेमाटे तुं तहारा पुत्रने तथा पुरोहितना पुत्रने यतिन्ने नपश्व करतां वारी नथी शकतो? माटें धिक्कार ने तहारा राज्य जोगववाने! तेवारें रा जा पगे लागी विनति करवा लाग्यो के, महाराज! ए महारो अपराध दमा करो अनें प्रसन्न था. बावीने बेदु जाने समाधि करो. आज पबी यतिने कोइ पण उपश्व करे नहीं. यतियें कडं जो बेहु जण दीक्षा लीये,तो हुँ एने साजा करूं. राजायें कयुं ते कहे ,के अमें दीदा लश्शू पण साजा क रो. पनी साधुयें आवी वेदुने साजा करी दीदा दश्ने पोते अन्यत्र विहार कस्यो. हवे राजपुत्रं विचाटे जे काकायें मुझने रुडं की, जे संसारमा पाप करवा थकी निवारीने दीक्षा दीधी, तेमाटें कर्मक्ष्य करवा निमितें दीक्षा पालतो तपस्या करतो विचरवा लाग्यो अने पुरोहितपुत्र जे दुःख पामतो थको जैनधर्मनी उगंडा करतो हतो ते पण शुम चारित्र पाली तप कर तो विचरवा लाग्यो. ते वेदु आयु पूर्ण थये देवलोकें देवपणे एकता जर उपना. परस्पर प्रेमथी कामनोग विलसता थका परस्पर बोलबंध करता हवा के आपण बेदुमाथी जे प्रथम चवे, तेने बीजो ावी प्रतिबोध करे. तेमां प्रथम पुरोहितनो जीव देवपणाथी चवीने उगंडाकर्मने योगें रा जगृहनगरें चांमालने घेर गर्नमां पुत्रपणे उपनो. हवे तेहिज नगरें धन्ना सार्थवाहनी जार्याने पुत्र जीवता रहेता नथी तेमाटें फुःखणी थने तेने ते चांमालिनी स्त्री साथें प्रीति , एकदा ते चांमालिणी गर्नवती थकी सार्थवाहनी स्त्रीपासें मलवा आवी ने सार्थवाहनी स्त्री पण गर्नवती ने तेणीये तेनी आगल पोताना पुत्र मरणनां पुःख कह्यां,तेवारें चामालिणी ये कयुं जो महारे हमणां पुत्र यावशे, तो ते पुत्र हुँ तुमने आपीश. अ नुक्रमें समकालें बेदुने प्रसव थया, चांमलिपीयें पुत्र जन्म्यो अने सार्थ वाहणीय मुवेली दीकरी प्रसवी. पनी अंतरंग माणसनी साथें मूवेली पुत्री मोकलीने चंमालिणीनो पुत्र पोताने घेर कोइ न जाणे, तेम अणाव्यो.
SR No.010248
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size45 MB
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