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________________ जैनकथा रत्नकोष नाग त्रीजो. कह्यु महाराज ! तमें मुझने जीवाड्यो अने आ राज्य पण तमें आप्यु. हवे राज्यमान पामीने शिक्षसेन सिथिलाचारी थया. दरवाजा बागल असवार ऊना रहे, कोई श्रावकमांहे जर शके नहीं ॥ हवे श्रीध्वादिसूरि शिइसेननुं सिथिलाचार सांजली दया आणी प्रतिबो ध देवा माटे तिहां यावी दरवाजा आगल उना रही कहेवराव्युं जे एक बु ढोवादी आव्यो बे. ते सांजली सिक्सेने तेमने बोलावीने पोतानी आगल बेसाज्यो. तेवारें वृक्षवादी पोतानुं सर्व शरीर वस्त्रोथी ढाकीने बोल्या. अ गफूलिय फूल म तोडहिं, मारोवा मोडहिंमणुकुसुमेहिं ॥ अञ्चिनिरंजणंजि प,हिमश्काइवणेण विषु ॥३१॥ ए गाथा सांजलीने सिइसेने विचार कस्यो पण गोथान अर्थ न पाम्यो तेवारें विचास्युं के गुंथा महारा गुरु वृक्षवादी ने ? के जेनी कहेली गाथानो ढुं अर्थ समजी शकतो नथी. पनी वारंवार तेमना साहामुं जोवा लाग्यो. तेवारें जाएयुं जे ए महारा गुरु के तेथी न मस्कार करीदमापन मागी पूर्वोक्त श्लोकनो अर्थ प्रज्यो तेवारें हवा दीजीयें कह्यु के अप्राप्त फूलोने तुं त्रोडी म नाख. नावार्थ ए ले के योग जे जे ते कल्पवृद ने जेमां यम नियम तो मूल के अने ध्यानरूप महोटो स्कंध के तथा समतापणुं, वक्ता, यश, प्रताप, मारण, नच्चाटन, स्तंनन, व शीकरणादिक सिदिनु जे सामर्थ्य ते फूल डे अने केवलज्ञानरूप फल के तेमां हजी तो मात्र योगकल्पवृदना फूलज लागां ले ते केवलझान रूप फले करीने आगल फलशे माटे जे फूलोमां फल प्राप्त थयां नथी एवा अप्राप्त फल पुष्पोने तुं शामाटे तोडे ? अर्थात म त्रोड.एवो ना वार्थ जे. तथा “मारोवामोडेहिं” ज्यां पांच महाव्रत आरोप्या ने तेने मरो डी म नाख. तथा मणुकुसुमेत्यादिनुं अर्थ आम जे जे मनरूप कुसुमें क री निरंजनजिनने पूज. तथा “वनात्वनंकिंहिंमसे” एटले राज सेवादि क मानां नीरस फल कां करे ? ए सांजली सिक्सेनसूरि गुरुनी आज्ञा पोताना शिर उपर चडावी राजाने पूढी गुरुनी साथें विहार कस्यो अने निविड चारित्र धारण कयुं. एम गुरुयें प्रतिबोधी समजावी राज सेवा म कावी पोतानी साथें तेडी गया, प्रायश्चित्त आपी चारित्र गुरु कीg हवे सिघसेनसूरि अन्य आचार्य पार्सेथी पूर्वगत विद्या लेश्ने श्रुतधर थया. अनुक्रमें श्रीकृक्षवादी यात्मार्थ साधी देवसनामांहे जर बेठा.
SR No.010248
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size45 MB
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