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________________ १३२ जैनकथा रत्नकोष नाग त्रीजो. एवो निश्चय करीने अमिना कुंमनी पासें ते कुमर आव्यो, अने नवका र मंत्र जपवा लाग्यो. एटलामा एक पासेंना वृदमांथी एक लेख ते कुम रनी पासें आवी पज्यो. ते लश्ने वाचवा लाग्यो. स्वस्तिश्री लक्ष्मीपुरथकी श्रीविक्रमराजा यथास्थाने आरामनंदनप्रति आलिंगन होजो. तारी स्त्री प प्रावती तारा वियोगथी अग्निमां प्रवेश करतां बतां में आठ वर्षनो अव धि करीने जीवती राखी ने. त्यारथी तारी शोध करवाने ठेकाणे ठेकाणे गुक तथा वानरादिकोने मोकल्या बे. माटें जो आठ वर्षमां तुं आवी पो होंचीश नहीं, तो तारी स्त्री अग्निमां प्रवेश करशे. तेनो दोष अमारे माथे नथी. तेथी जेम बने तेम जलदी घेर आव” ए प्रमाणे वांचीने कुमर म नमा विचार करवा लाग्यो के, स्वप्ननो अर्थ अने आ पत्रनो अर्थ मलतो याव्यो खरो, पण आकाशमांथी लेख केम पड्यो ! एवी आशंकाथी कप र जोवा लाग्यो, एटले एक वानर दीवामां आव्यो. त्यारे ते नीचें यावी ने पगे लाग्यो, अने सघलो समाचार मुखथी कही संनलाव्यो. त्यारे तेनी पाकी खात्री थइ, पण कंचुक विना वाले हाथे जर्बु ते सारं नहीं. जो कं चुक साथें लइ जावं, तोज खरी खूबी कहेवाय ! एवो निर्धार करी एक र दनुं पत्र लइने तेनी ऊपर एक वनीना रसवडे लरव्यु के, “मने तमारु पत्र पहोच्युं. ते वांचीने घणो संतोष थयो . हवे ढुं शीघ्रज घावी पहो चीश. पद्मावतीने स्वस्थ करी राखजो. अने महारा प्रेमें करी जुहार अंगी कार करजो” एबुं लखी ते पत्र पेला वानरने आपीने विदाय कस्यो, अ ने पोतें कंचुक लेवाना हेतुथी त्यांथी चालतो थयो. ___ मार्गमा जतां एक ठेकाणे केटलाएक व्यंतरो वानरान्नां रूप धारण करीने रमता हता, ते तेणें दीना. तेउमां को राजा थयो , कोई मंत्री ब न्यो के, कोइ आमात्य थयो , को सचिव थयो , कोइ सेनाधिपति थ यो , कोइ स्वार थया ने, कोई पदाति थया , तथा कोइ जासूद प्रमुख राज्य चर्या करी रह्या जे. एवा समयमा एक अनुचरने राजायें बाझा क री के सूतारनी पासें जश्ने काष्ठना मयूरो घडावी लाव. ते काम ते त्वरा थी जइ करी आव्यो, अने राजाने जणाव्यु के माहराज! आपनी आज्ञा प्रमाणे मयूरो सर्व तैय्यार . राजायें तरत सर्व मयूरोपोताना मंत्री प्रमुख ने वेहेंची याप्या अने एक सारो मोर जोश्ने पोतें राख्यो. पड़ी ते मोर क
SR No.010248
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size45 MB
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