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________________ श्रीसम्यक्त्वसित्तरी १२५ आ गाथामा पहेलुं दायिकसम्यक्त्व कह्यं . परंतु पहेलुं जीव, औ पशमिक सम्यक्त्व पामे . ए औपशमिकसम्यक्त्वना बे प्रकार :-तेमां एक नैसर्गिक तथा बीजुं आधिगमिक. तिहां जे गुरुना उपदेश प्रमुखनी अपेदा विना जातिस्मरण झानने बलें पूर्वनवना स्मरणादिकें करी प्राप्त थाय , तेने नैःसर्गिक औपशमिकसम्यक्त्व कहियें; अने जे गुरुना उप देशे करी प्राप्त थाय तेने आगमिक औपश मिकसम्यक्त्व कहियें. ए औपशमिकसम्यक्त्वनी उत्पत्ति आवी रीतें थाय ः-कोई जीव चारे गतिमांनी कोई पण गतिमां फरतो बतो अकामनिर्जरायें करी यथाप्रवृत्ति करणें करी झानावरणादि सात कर्मनी एक कोडाकोडी सागरोपमनी मांहे स्थिति करे;जेम नदीनी पासेंना अथवा नदीमां आवेला पर्वतना पापाण एक बीजा साथें घसातां घसातां सहजेंज गोलाकार बनी जाय , तेम ते पण जाणवू. ते समय ग्रंथिनेदी अंतरकरण करतोज औपशमिकसम्यक्त्वनु उपा जन करे, तेवारें अईपुजलपरावर्तनीमांहे शेष संसार करे॥ यमुक्तं ॥ “अं तो मुदुत्तमित्तं, पिफासिथं जेहिं दुऊ सम्मत्तं ॥ तेसिं अवढपुग्गल, परिय हो चेव संसारो” एम ए औपशमिकसम्यक्त्वनो काल अंतर्मुहूर्त्तनो होय ॥ हवे दायोपश मिकसम्यक्त्वनुं स्वरूप कहे जेः-के जे जीव, अंतरकरण करे नहिं, ते यथाप्रवृत्तिकरण, अपूर्वकरण तथा अनिवृत्तिकरण, एत्रण करणे करी मिणाला कोश्वना दृष्टांतें मिथ्यात्वदलिकना त्रण पुंज करे. तेमां एक शुद्ध पुंज, बीजो मिश्रपुंज अने त्रीजो अशुभपुंज; तिहां जेम मीणा ला कोवाने धो करी उपरथी मीण कृतारी चोखा करीने एक ढगलो करिये, तेम जे मिथ्यात्वना पुजलने चोखा करी ढगलो करे, ते शुद्ध पुंज कहिये; तथा वली कांक धोया कांक अणधोया रहे, तेवा पुजलने मिश्र पुंज कहियें, अने जे सर्वथा अणधोयाज होय, तेने अशुभ पुंज कहियें.ए कोवाना दृष्टांतें मिथ्यात्वना दलिक पण जाणी लेवां. ते त्रण पुंज माहे ला शुरू पुंजनो वेदनार जीव, दायिकोपशमिकसम्यक्त्व पामे. ॥ हवे दायिकसम्यक्त्वनुं स्वरूप कहीयें बैयें:-जे जीव, अनंतानुबंधीया क्रोध, मान, माया, लोन तथा मिथ्यामोहनीय, मिश्रमोहनीय अने दर्शन मोहनीय, ए सात प्रकृतिनो क्ष्य करे, ते जीवने दायिकसम्यक्त्व प्राप्त था य. दायिकसम्यक्त्व पाम्या पनी तेज नवमां, अथवा बीजा नवमांश
SR No.010248
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size45 MB
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