SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीनेमिनाथनो रास खंग पदेलो. | ០១ तिहां चंड़े व्यापार, फलीयो तेहने श्रीनवकार॥ माहा इक्विंतो ते थयो, एक दिन निमित्तने पूण गयो ॥१॥ माहारा मित्र जीवे के नहिं,मुक मल शे के वली कहीं ॥ कहे निमित्तियो दिन थोडले,त्रणे मित्र मलशे जोडले ॥२२॥ अन्य अन्यपुरथीयावशे, ते पण दिघणी लावशे ॥ एम सांजली ने दीधुं दान, निमित्तियो पहोतो निजथान ॥२३॥ हवे थोडा दिनमांहे ते ह, नानु शिव ने कृष्ण सनेह ॥ वद्ध कदि आव्या सद्ध मल्या, सुख दुःख नी वातोमां नव्या ॥ २४ ॥ निज निजनी जे वातो थर, जांखे जेहअती तें गइ ॥ चार मित्र हवे रहे सुखवास, विपयसुख नोगवे आवास ॥२५॥ ते सदनकनावी थया, श्री नवकार शीखण सज थया ॥ चंकुमार नुं सुणी चरित्र,मनमा नावे कर्म विचित्र ॥ २६ ॥ए चोथेअधिकारें कही, ढाल सातमी एणि पेरें लही ॥ पद्मविजय कहे जपो नवकार, जेहथी हो वे जयजयकार ॥ २७ ॥ सर्व गाथा ॥ २२ ॥ ॥दोहा॥ ॥बह धन पाम्या तिगपुरे, एकदिन बेग चार ॥ करे विचार ते एणि परें, जखमीनो नहिं पार ॥ १ ॥ ते धन पामे पण किस्युं, जो रहे सजन वियोग ॥ तस जखमी विफली लहो, अन्यदेशमा जोग ॥ २ ॥ यतः॥ किं ताए सिरीए, सुंदरी विजा हो अगदेसंमि ॥ जाइन मित्तेहि समं, जा य न दिघा अमित्तेहिं ॥ १ ॥ निज देशे जावा जणी, सम्मत कीध विचा र ॥ प्रवहण जरीचाल्या हवे, सायर पाम्या पार ॥३॥ वेलानलमां कत री. वेची वस्तु अनेक ॥ करियाणां अन्यदेशने, योग्य नरे सुविवेक ॥४॥ जयपुर नगर नग। हवे, थलमारग करी। जाय ॥ कोश्क थानक तस्या. वे ठा सह समवाय ॥ ५॥ सामग्री जोजन तगी, करी अनेक प्रकार ॥ जो जन करवाने सदु, वेठा चित्त उदार ॥ ६ ॥ ॥ढाल आठमी॥ ॥वे बे मुनिवर विहरण पांगुख्या जी ॥ ए देशी ॥ एणि अवसर मुनिव र तिहां आवीया जी, धरता निर्मल ध्यान रे ॥ पंच माहाव्रत पालता जी, चरण दर्शन धरे ज्ञान रे ॥१॥ एणि॥ देयावच्च करे मुनि दश नेदथी जी, संजम सत्तरे प्रकार रे ॥ दशविध साधुधर्म अजुवालता जी, ब्रह्मचर्य गु प्तिना धार रे ॥२॥ एणि॥ बार जेदें तप यादरे जी, क्रोध मान माया
SR No.010247
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1890
Total Pages80
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy