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________________ ३४ . जैनकथा रत्नकोष नाग पहेलो. जैसे बांमि रतन चिंतामनि, मूरख काच खंझ मन देत ॥ तैसे धरम विसारी बनारसि, धावत अधम विषय सुख हेत ॥ ६ ॥ ___ कथाः-ए अर्थ उपर शशी सूरनो दृष्टांत कहे जेः-श्रा नरत देवमांहे शुक्तिमती नामा नगरीने विषे शशीनामा राजा राज्य करे ,तेमाहाप्रतापी जे, तथा तेनो लघुनाइ सूर एवं नामें जे. ते बैदु भाई एक दिवस रयवा डीयें चढया, वनमांदे उदनी नीचें साधुने बेंग दीग, तेवारें अश्वथी . उतरी बेहुनायें साधुने वांद्या, साधुये पण धर्मलान, आपी उपदेश देवा मांमयो ॥ गाथा ॥ माणुस्स खित्त जाई, कुज रूवारोग आउयं बुदि॥ सवा पुग्गह सिदा, संजम लोगंमि मुनहो लहियं ॥१॥ माटे तमें सत्पु रुष बो, ते धर्मने विषे प्रमाद म करो ॥ गाथा ॥ चिकणघडेण साचिय, ढलीकणं पाणियं जाई॥ कोरं कुंनं च दश, तहावि नवजीवाणं ॥ १ ॥ श्त्यादि उपदेश सांजली सूरराजा दीदा ला पुष्कर तप करवा तैयार थयो. अने शशीप्रत्ये नाइपणांना हितने माटें कहेवा लाग्यो के है बांधव ! या जीवें जन्मो जन्म नोग नोगव्या, समुन्नी जेटलां पाणी पीधां, मेरु जेटलां धान्य आरोग्यां, तो पण तृप्ति न थ. तैने शशी कहेवा लाग्यो के हे बांधव ! एवो कोण मूर्ख होय के जे नला राज्यनोग, ललित लो चना स्त्री, पान, फूल नंबोलादि उत्तम प्रकारना जोग इत्यादि सामग्री संबंधी सुख तेने त्यागीने परलोकना सुखने अर्थे उपवासादिक कष्ट करे, पर लोक में के नथी ते कोणें जोयो ? माटें तमें माह्या हो, तो आ बता जोग नोगवो, पोताना जीवने शाता आपो, अंतराय म करो, यौवन पा मेलु फोकट म गमावो; एवा नाश्नां वचन सांजलीने सूरराजा खिन्न थयो. पनी गुरुपासेंथी चारित्र ग्रहण करी सर्वपरिग्रह बांमी चारित्र पा लवामां तत्पर थयो. अंत्यावस्थायें अपसण बाराधी स्वर्ग गयो. अने शशी राजा विषयासक्त थको मरण पामी नरकें गयो. सूरराजायें देवलो कमे विषे अवधिज्ञानने बलें करी पोताना नाइने नरकनां कुःख जोगवतो दोतो, तेवारें देवलोकथी निकली नरकमां जर आपणां रूप तेज शक्ति प्र गट कीधां, ते देखी शशी बोल्यो के हे बांधव ! अद्यापि ते महारो देह पज्यो डे, माटें तुं जश्ने ते देहनी यत्ना करके जेम हुँ नरकथकी निकली सुखी था ! ते सांजली सूर बोल्यो के अरे मूर्ख! जीवरहित देह पज्यो जे ते छं
SR No.010246
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1867
Total Pages321
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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