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________________ सिंदूर प्रकरः " १५ संकेतथी ने पेंसांज मारी नाख्यो, मरण पामीने दुर्गतियें गयो ॥ युतः॥ मित्रोहिकृतघ्नाश्च ये च विश्वासघातकाः ॥ ते नरा नरके यांति, यावचंद दिवाकरौ ॥ १ ॥ तिहां ते सहनना मरणथी कोलाहल थयौं, तेवारें कु मरी बोली हे स्वामी! जो तंमें तिहीं आतां ती शा हवाल याता ! माटें अ द्यपि में प्रमादी कंटक सक करें। सावधान थका रहो कुमर पल तेमज स थ रह्यो राजा प्रण सर्व वात जाली क़टक लइ युद्ध करवा ने साहामो याव्यो. बेहु सैन्य महिमांहे मल्यां. एवामांहे दीर्घबुद्धिना मंत्रीवर यावी राजाने कहेवा लाग्या के. हे स्वामी ! प्रणविचा युद्ध न करीयें ॥ यतः ॥ अपरीक्षितं न कर्त्तव्यं कर्त्तव्यं सुपरीक्षितं ॥ पश्चान वति संतापते, ब्राह्मणी नकुलं यथा ॥ १ ॥ इत्यादि प्रधानोनां वचन सांगली राजायें युद्ध निवारण करी कुलजाति पूब्वा माटें मंत्रीश्वरने कुमरपासें मोकल्या. मंत्रीश्वरें वी कुमरने विनव्यो जे तमारो कुलवंश प्रकाश करो. कुमर बोल्यो के सत्पुरुष, पोतानुं कुल पोताना मुखथी कहें नही. प्रधान पुरुष बोल्यो तमारा सनमित्रे श्रावीने राजानी यागल' तखारा अवर्ण वाद का ढे, प्रायः डुर्जन होय ले पर विघ्नें संतोषी थायू. ते वचन सां जली कुमरें पोतानुं सर्ववृत्तांत प्रधान ग्रागनं कंयुं. मंत्रीयें जइ राजानी श्रागत निवेदन कर्खु, ते समाचार मूंजयी जाएवा नाणी तत्काल कागल लखीने राजायें कुमरना नगरनणी सेवक. मोकल्यो, ते सेवक पण ललितांग कुमरना पितापासें जर सर्व हकीगत कही. तेवारें राजा पोताना पुत्रनी खबर सांगली घणोज दर्षवंत थयो. अने राजा कहेवा लाग्यो जे ननुं कस्युं जे महारा पुत्रने जितशत्रु राजायें जीवितव्यनी पेरें राख्यो, में मंदनागी तो प्रतिदानं दूषण आपीने सजनना कहेंवाथ पुत्रने परदेशें काहाढ्यों. एम कही ते राजाना सेवकने वस्त्रादिक आप संतो बीने विसर्जन करो. सेवकें खावी राजानी प्रागल सर्व समाचार संज लाव्य, राजा प्रमुदित थयो. जमाइ तथा दौकरीने जड़ पोतानो अपराध खमाव्यो. अनेकयुंके हे ललितांगजी ! बमारां जेवा गुणवंत कोइ नथी, अने • सकन सरखो डुर्गुणी पापी पण कोइ नथी, माटें हवे हे कुम रजी ! तमें राज्यनो अंगीकार करो. एम कही कुमरनैं राज्य श्राप पोतें दीक्षा लइ देवलोकें गयो. " · • • "
SR No.010246
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1867
Total Pages321
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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