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________________ वीर ज्ञानोदय प्रथमाला यथा - इस चित्रा पृथ्वी से ७६० योजन के उपर प्रथम ही ताराम्रों के विमान हैं । नंतर १० योजन जाकर प्रर्थात् पृथ्वीतल मे ८०० योजन जाकर सूर्य के विमान हैं तथा ८० योजन अर्थात् पृथ्वीतल से ८८० योजन (३५,२०,००० मील) पर चन्द्रमा के विमान हैं । (पूरा विवरण - चार्ट नं ० ३ में देखिये | ) चार्ट नं ० ३ ज्योतिष्क देवों की पृथ्वी तल से ऊंचाई विमानों के नाम १५ इस पृथ्वी से तारे ७६० योजन के ऊपर सूर्य चन्द्र ८८० 13 " " "} " "" 33 66 " " " " " " " .. ८०० नक्षत्र ८८४ बुध शुक्र ८६१ गुरु ८६४ ८८८ मंगल शनि ६०० ( चित्रा पृथ्वी से ऊंचाई ) योजन में मील में ८६७ " " .. " 11 " 11 " " " 99 21 " " ,, " ३१६०००० मील पर ३२००००० ३५२०००० ३५३६००० ३५५२००० ३५६४००० ३५७६००० ३५८८००० ३६००००० 3:5 " " 11 36 " " " "1 34 " " "" " 11 " " 11
SR No.010244
Book TitleJain Jyotirloka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMotichand Jain Saraf, Ravindra Jain
PublisherJain Trilok Shodh Sansthan Delhi
Publication Year1973
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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