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________________ (२९) जैनों के मुख्य तीन सम्प्रदाय हैं:-(१) दिगम्बर ( २) श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ( ३ ) श्वेताम्बर साधुमार्गी या जिनको स्थानकवासी भी कहते हैं। __इन तीनों सम्प्रदायो में से कौनसा सम्प्रदाय मब से प्राचीन है और जैन धर्म के असली सिद्धान्त के अनुसार चलता है, इसपर गत बहुत वर्षों से वाद विवाद चला आता है परन्तु इसका समाधान अभी तक संतोषजनक व प्रामाणिक तौर पर न हुआ। पिछले कुछ वर्षों में कुछ दिगम्बर और श्वेताम्बर मूर्तिपूजक भाइयों ने जैन धर्म पर कुछ पुस्तक अंग्रेजी में भी लिस्त्री हैं, परन्तु विषेश कर धार्मिक पक्षपात के कारण ये पुस्तकें तीनों सम्प्रदाय के इतिहास पर पर्याप्त प्रकाश नहीं डालती। प्रोफेसर हरमन जकोबी ने जैनों के श्वेताम्बर और दिगम्बर सम्प्रदायों में विभाजित होने की समस्या को हल करने की चेष्टा की है परन्तु वे सत्य की खोज न कर सके । इसके दो कारण हैं । एक तो उन्होंने जैन सूत्रों के अर्थों को बिना समझे अपने तर्कों पर खडे किये व दूसरा उन्होंने सत्य ज्ञान प्राप्त करने के लिये जैन साधुओं से स्वयं पूछताछ नहीं की। श्वेतांबर और दिगंबर दोनो सम्प्रदायो में उनके उत्पत्ति के विषय में परस्पर विरोधी कथाएं प्रचलित हैं और प्रत्येक
SR No.010241
Book TitleJain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages115
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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