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________________ धर्म को बौद्ध धर्म की शाखा होना कहीं नहीं बतलाया। इन शास्त्रों में सब कहीं इन दोनो धर्मों को पृथक २ और एक दूसरे से सर्वथा स्वतंत्र बतलाया गया है। इस बात के अनेक ___ उदाहरण इन शास्त्रों में से दिये जासकते हैं, परन्तु यह स्पष्ट है कि ये उदाहरण उतने महत्वपूर्ण नहीं है जितने कि बौद्ध शास्त्रों के उदाहरण, जो हम ऊपर देचुके हैं। इसलिये अब हम हिन्दू शास्त्रों के उदाहरणो का उल्लेख यहां नहीं करते । __ यदि अब हम जैन शास्त्रों की ओर दृष्टि डालें और यह मालूम करें कि उनमें बौद्ध धर्म की उत्पत्ति के विषय में क्या लिखा है, तो कुछ अप्रासंगिक न होगा। बौद्ध धर्म का संस्थापक एक जैन साधु था। दर्शनसार में, जिसे देवनंद आचार्य ने विक्रम संवत् ___ ९९० ( ईसवी सन् ९३३ ) मे उज्जैन ( मालवा ) में रचा था, लिखा है कि पिहिताश्रव नामक जैन साधु के एक विद्वान् शिष्य ने जिसका नाम बुद्धकीर्ति था, बौद्ध धर्म की स्थापना की थी । जिस समय बुद्धकीर्ति पलाश नगर में सरयू नदी के किनारे पर तपस्या कर रहा था उस समय उसने एक मरी हुई मछली को पानी पर तैरते हुए देखा । उसने अपने मन में विचार किया कि इस मछली के खाने में हिंसा नहीं लग सकती, क्यों कि वह तो जीव रहित है। उसने तत्काल ही
SR No.010241
Book TitleJain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages115
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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