SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 124
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १२२ । । मालवा प्रदेश के दशपुर (मन्दसौर) नगर के रूद्रसोम पुरोहित के घर पापका जन्म वीर सम्वत् ४६२ में हुआ था, एवं वीर सम्वत् ६२० में १२६ वर्ष की आयु पूर्ण कर आप स्वर्गवासी हुए। १६. प्राचार्य रथस्वामी-~ पाप वशिष्ठ गोत्रीय ब्राह्मण थे । आपका दूसरा नाम आर्यजयन्त भी आता है। प्राचार्य रथस्वामी के बाद स्थाविरावली में केवल नाममात्र का परिचय आता है, जिसका उल्लेख निम्न प्रकार प्राचार्य पुष्पगिर कौशिक गोत्र प्राचार्य फल्गुमित्र गौतम गोत्र आचार्य धनगिरि वशिष्ठ गोत्र प्राचार्य शिवभूति कुचछस गोत्र आचार्य भद्र कश्यप गोत्र प्राचार्य नक्षत्र कश्यप गोत्र प्राचार्य रक्ष कश्यप गोत्र प्राचार्य नाग गौतम गोत्र प्राचार्य जेहिल वशिष्ठ गोत्र प्राचार्य विष्णु माठर गोत्र प्राचार्य कालक गौतम गोत्र ये तीसरे कालकाचार्य हैं, इनका समय वीर संवत ७२० माना जाता है। प्राचार्य सम्पालित तथा भद्र ये दोनों ही महापुरुष प्राचार्य कालक के शिष्य थे। इसके पश्चात् के प्राचार्यों का भी केवल उल्लेख किया
SR No.010239
Book TitleJain Hindu Ek Samajik Drushtikona
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Mehta
PublisherKamal Pocket Books Delhi
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy