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জল অসুল হল অন্থাই
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सर्ज-या हसीना बस मदीना, करबला में तूं न जा। गजल ( चोवीस तीर्थंकरों की स्तुति)।
दिल चमन तेरा रहे, जिनराज का स्मरण किया । संसार से तिर जायगा, जिनराज का स्मरण किया ॥ टेर ॥ अव्वल, ऋषभ, अजित, संभव, अभिनन्दन है जवर । नाम लेते पाक हो. जिनराज का स्मरणया ॥१॥ सुगति, पत्र. सुपाय, चंदाप्रभू की सेवा का आवागमन मिट जायगा, मिनराज का स्मरण किया।॥ २॥ सुविधि, शीतल, श्रेयांस, वासुपुज्य जग में भानु सम । पिथ्यात्व अंधेरा मिटे, जिनराज का स्मरण किया ॥३॥ विमल, अनत, धर्म, शांतिनाथ नित्य शांति करे । आनन्द ही आनन्द रहे, जिनराज का स्मरण किया ॥४॥ कंधु, अरं, मलि मुनिसुन्नत सदा हृदय बसे। आशा पूर्ण हो तेरी, जिनराज का स्मरण किया ॥ ५ ॥ लमो अरिष्ट नेपी, भभु पार्थ मापीर सार है । सुरनर