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________________ ( ३८ ) इसी प्रकार शारीरिक शक्ति भी पहले के मनुष्यों की बहुत प्रबल होती थी। हाथियों को उठा कर फेंक देना, पेड़ों को उखाड़ फेंकना, बड़ी बड़ी चट्टानों को पैर की ठोकर से हटा देना उनके साधारण कार्य थे। लक्ष्मण, रावण, हनुमान, भीमसेन, कर्ण, द्रोण, अर्जुन, भीष्म, कृष्ण सरीखे बलवान , योद्धा पुरुष होते थे। अभी दो सो ढाई सो वर्ष पहले के सिपाही भी जो कवच (लोहे का षस्तर) पहन कर जाते थे उसको आज कल आदमी उठा भी नहीं सकते। इसी प्रकार उनकी आयु ( उन) भी बड़ी होती थी युवावस्था में किसी किसी का ही मरण होता था। कृष्ण के जमाने में हजारों वर्ष की आयु होतो थी उससे पहले और भी बड़ी होती थी। उनकी युवावस्था न तो जल्दी आती थी और न जल्दी जाती थी। उनके शरीर के कद भी बहुत बड़े होते थे। आज से ढाई हजार वर्ष पहिले १०-११ फीट ऊँचा शरीर होता था उससे पहले और भी अधिक ऊँचा होता था जो कि घटता घटता आज से तीन चार सौ वर्ष पहले ६॥ फीट ऊंचा रह गया था और अब साढ़े चार, पौने पाँच फीट रह गया है तथा दिनों दिन घटता जा इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले अभ्युदय ( पृ० ११ ता. २७ जुलाई १९२६)में छपा था कि अब भी हिमालयपर्वत में मेगू जाति के दीर्घकाय सफेद रस के मनुष्य हैं जो कि ८ फुट से १२ फुट तक ऊंचे होते हैं।
SR No.010232
Book TitleJain Dharm Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjit Kumar
PublisherBharatiya Digambar Jain Shastrartha Sangh Chhavani
Publication Year1934
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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