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________________ पृष्ठभूमि जैन इतिहास - एक झलक तत्त्व एवं द्रव्य मोक्ष तत्त्व स्वरूप द्रव्य विवेचन जीव और उसकी विविध अवस्थाएं जीवन की विविध अवस्थाएं अजीव तत्त्व कर्म बंध की प्रक्रिया (आस्रव बंध) कर्म और उसके भेद-प्रभेद कर्म के भेद-प्रभेद कर्मों की विविध अवस्थाएं कर्म मुक्ति के उपाय - ( संवर - निर्जरा) संवर निर्जरा स- आत्मा की परम अवस्था मोक्ष के साधन आत्मविकास के क्रमोन्नत सोपान जैनाचार कर्म की फलदान प्रक्रिया और ईश्वर अहिसा श्रावकाचार मुनि आचार सल्लेखना अनुक्रम अनेकांत और स्यादवाद अनेकांत स्यादवाद सप्तभंगी परिशिष्ट 13535688 23 57 66 103 113 114 135 142 145 147 157 167 177 195 209 210 219 239 251 259 259 266 271 275
SR No.010222
Book TitleJain Dharm aur Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramansagar
PublisherShiksha Bharti
Publication Year
Total Pages300
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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