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________________ १७२ जम्बुद्वीप का तारामण्डल क्रमांक सामान्य तारामण्डल जम्बुढीप से ऊंचाई व्यास (योजनों में) 790 सामान्य तारामंडल सूर्य चंद्र १/४ से १ कोश तक ४८/६१ योजन 800 880 ५६/६१ ॥ नक्षत्र 884 १ कोश 888 शुक्र 891 894 एक कोश से कम १/२ कोश 897 मंगल शनि राहु 900 एक योजन से कम केतु १कोष १योजन -1000 मील ४ कोश -4000 मील दस हजार योजन व्यास वाले सुदर्शन मेरु को तारामण्डल ११२ योजन दूरी पर प्रदक्षिणा करता है। दो चन्द्र और दो सूर्य परस्पर विरोधी दिशा में सुमेरु पर्वत के मध्य से ४९८२० और ५०३३० योजन दूरी पर दो दिनों में एक प्रदक्षिणा देते हैं तथा सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायण और दक्षिणायण से उत्तरायण ( ४९८२० व ५०३३० योजनों के मध्य ) १८६ दिन में भ्रमण करते हैं । इस प्रकार सौरवर्ष ३६६ दिन का होता है । स्वर्ग और मोक्ष जम्बूसुमेरु पर्वत के ऊपर स्थित है तथा नरक जम्बूद्वीप के नीचे अवस्थित हैं। विशेष विवरण के लिए जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति, सूर्य प्राप्ति, तत्त्वार्थ राजवातिक, त्रिलोकसार, जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश आदि ग्रन्थ दृष्टव्य है ।
SR No.010214
Book TitleJain Darshan aur Sanskriti ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherNagpur Vidyapith
Publication Year1977
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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