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________________ १४ सर्व भवी जीव मोक्ष जास्ये । . (भगवती श० १२ उ०२) १५ पुगलास्तिकाय में ८ स्पर्श कहा। (भगवती श० १२ उ०५) गोशालाऽधिकार १ भगवन्त गौतम ने कह्यो-हे गौतम ! गोशाले मोने कह्यो तुम्हें मांहरा धर्माचार्य अने हं आपरो धर्मान्तेवासी शिष्य । तिवारे में अङ्गीकार कोधं । (भगवती श०१५) २ सर्वानुभूति, सुनक्षत्र मुनि गोशाला ने कह्यो हे गोशाला ! तोने भगवान मंयो। तोने भगवान प्रवर्या दौधौ । तोने शिष्य कियो। तोने सिखायो अने तोने बहुश्रुति कियो। तं भगवान सँइज मिथ्यात्व पडिवज छ ? (भगवती श०१५) ३ भगवान पिण कह्यो-है गोशाला ! में तोने प्रवर्या दोधी। (भगवती ०१५) ४ गोशाला ने कुशिष्य कह्यो। (मगवती श०५) - -
SR No.010204
Book TitleJain Bhajan Mala
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages89
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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