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________________ ग्रन्थ-सूची : २१९ पिंडनियुक्ति, देवचन्द्र लालभाई जैन ग्रंथमाला, बम्बई, १९१८. वृहत्कल्प (भाष्य व मलयगिरि-क्षेमकीर्तिकृत टीकासहित), आत्मानंद जैनसभा, भावनगर, १९३३-१९४२. भगवती ( व्याख्याप्रज्ञप्ति ), आगमोदय समिति, मेहसाना, १९१८-२१. मज्झिमनिकाय, अनु० राहुल सांकृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ; १९३३. महानिशीथ, मुनि पुण्यविजयजी की हस्तलिखित प्रति. महावीरस्वामोनो आचारधर्म, गोपालदास जीवाभाई पटेल, नवजीवन कार्यालय, अहमदाबाद, वि० सं० १९९२. मूलाचार ( वसुनदिकृत टीकासहित ); वट्टकेर, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रंथमाला, बम्बई, वि० सं० १९७७-१९८०. मूलाराधना ( अपराजित व आशाधरकृत टीकाओं, अमितगतिकृत श्लोकों तथा हिन्दी टीकासहित ), शिवकोटि, सखाराम नेमचंद दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, सोलापुर, १९३५. योगदृष्टिसमुच्चय, हरिभद्रसूरि, देवचंद लालभाई जैन ग्रंथमाला, बम्बई, १९१३ योगवासिष्ठ, अच्युत ग्रथमाला, काशी योगसूत्र, पतजलि, बम्बई, १९१७. रत्नकरंड-श्रावकाचार ( प्रभाचन्द्रकृत टीकासहित ), समन्तभद्र, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रथमाला, बम्बई, १९२६. वसुनन्दि-श्रावकाचार (हिन्दी अनुवादसहित ), वसुनन्दि, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५२
SR No.010197
Book TitleJain Achar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Mehta
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1966
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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