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________________ २१८: जैन आचार गुणस्थान क्रमारोह, रत्नशेखरसूरि, जैनधर्मं प्रसारक सभा, भावनगर. गृहस्थ धर्म, मुनि फूलचन्द्र 'श्रमण', जैन शिक्षा निकेतन, होशियारपुर, १९६३. चारित्रप्राभृत ( षट्प्राभृतादिसंग्रह ), कुन्दकुन्द, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रंथमाला, बम्बई, १९२०. जीतकल्प ( स्वोपज्ञ भाष्यसहित ), जिनभद्र, बबलचन्द्र केशवलाल मोदी, अहमदाबाद, वि० सं० १९९४ जैन दृष्टि योग, मोतीचंद गिरिधरलाल कापड़िया, महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, १९५४ तत्वार्थसूत्र, उमास्वाति, भारत जैन महामंडल, वर्धा, १९५२ दर्शन और चिंतन, प० सुखलालजी, गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद, १९५७. दशवैकालिक ( हरिभद्रकृत टीकासहित ), देवचन्द्र लालभाई जैन ग्रंथमाला, बम्बई, १९१८. दशाश्रुतस्कंध ( निर्युक्ति व चूर्णिसहित ), पंन्यास मणिविजय गणिवर ग्रंथमाला, भावनगर, वि० सं० २०११. निशीथ ( भाष्य व चूर्णिसहित ), सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, १९५७-१९६०. पचप्रतिक्रमण, आत्मानंद जैन पुस्तक प्रचारक मंडल, आगरा, १९२१ पाक्षिकसूत्र, मनसुखलाल नागरचद, भावनगर, वि० सं० १९९०.
SR No.010197
Book TitleJain Achar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Mehta
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1966
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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