SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४२ हिन्दी के नाटककार I से सुन्दर अनुवाद भी किये । उनके अनुवाद बहुत ही सफल हैं और मौलिक नाटकों का सा श्रानन्द उनमें आता है । उनकी रचनाओं को मौलिक और अनुवाद की श्रेणी में इस प्रकार बाँटा जाता है मौलिक - वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति विषस्य विषमौषधम् अन्धेर नगरी (ये तीनों व्यंग्य प्रधान); भारत-दुर्दशा, नीलदेवी, प्रेम-जोगिनी, चन्द्राव और सती प्रताप (अपूर्ण) अनूदित - विद्यासुन्दर, सत्य • हरिश्चन्द्र, भारत - जननी ( तीनों बँगला से ); पाखंड - विडंबन, धनंजय-विजय, मुद्राराक्षस, रत्नावली ( चारों संस्कृत से ); कर्पूर मंजरी ( प्राकृत से ) तथा दुर्लभ बन्धु ( अंग्रेजी में ) । सत्य हरिश्चन्द्र, विद्या सुन्दर, भारत - जननी — इन तीनों नाटकों के विषय में मतभेद है । श्राचार्य रामचन्द्र शुक्ल इनको अनूदित मानते हैं और बाबू व्रजरत्नदास मौलिक | पर हम इनकी भी समीक्षा करेंगे। रचनाओं का काल - क्रम १ विद्यासुन्दर २ -- रत्नावली ३ - प्रवास नाटक ४ - पाखंड विडंबन ५ - वैदिको हिंसा, हिंसा न भवति ६ - धनंजय विजय ७- मुद्राराक्षस 5- सत्य हरिश्चन्द्र - प्रेमयोगिनी १० – विषस्य विषमौषधम् ११ - कपूर मंजरी १२ – चन्द्रावली १३ – भारत दुर्दशा १४ - भारत - जननी १५ - नीलदेवी १६ – दुर्लभ बन्धु १७ - अंधेर नगरी १८ -नाटक १६ - सती प्रताप संवत १६२५ वि० १६२५ "1 १६२१ " १६२६ १६३० १६३० 13 १६३१.३२ 57 33 33 १६३२ १६३२ " १६३३ १६३३ १६३३ ११ १६३३ १६३४ 33 १६३७ 22 १६३७ " १६३८ १६४० १६४१ " 13 13 13 39 33
SR No.010195
Book TitleHindi Natakkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaynath
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1952
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy