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________________ उपेन्द्रनाथ 'अश्क' श्री उपेन्द्रनाथ 'अश्क' का साहित्यिक तथा भौतिक व्यक्तित्व विविधताओं से पूर्ण है । यह विविधता हिन्दी के बहुसंख्यक लेखकों नहीं पाई जाती । उर्दू से यह हिन्दी में आये और अब एक चमकदार लेखक के रूप में स्वीकृत चुके हैं। 'अश्क' कहानी - लेखक हैं, उपन्यासकार हैं, कवि हैं और नाटक - कार हैं । उपन्यासकार के रूप में इन्होंने अपने उत्साह और श्रीकांता की तृप्ति अधिक की है, उपन्यास पाठक की कम । कवि के रूप में भी यह अगली पंक्ति में नहीं आ सके । हाँ, कहानी - लेखक और नाटककार के रूप इनकी रचनाए ं उल्लासपूर्ण सफलताएं हैं । इनकी कहानी और इनके नाटकों जीवन की गहराइयाँ, ऊँची-नीची घाटियाँ और चमकदार चोटियाँ मिलेंगी । 'जीवन की विभिन्नताएं - तीखी-मीठी परिस्थितियाँ - इनकी रचनाओं में पर्याप्त मात्रा में पाई जाती हैं । नाटकों का काल-क्रम जय-पराजय स्वर्ग की झलक कैद :=: उड़ान छठा बेटा श्रादि मार्ग देवताओं की छाया में (एकांकी) तूफान से पहले चरवाहे 95 १६३७ १६३६ १६४५ १६४६ १६४६ १६५० "" 'जय पराजय' को जिखने से पूर्व, ऐसा स्पष्ट मालूम होता है, नाटक लिखने में कोई सशक्त और गतिशील प्रेरणा इनको उत्साहित नहीं
SR No.010195
Book TitleHindi Natakkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaynath
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1952
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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