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________________ सेठ गोविन्ददास सेठ गोविन्ददास साहित्य और स्वदेश दोनों के एकनिष्ठ सेवक के रूप में हमारे सामने आते हैं। राष्ट्रीय आन्दोलन में आपने अनेक त्याग किये हैं और हिन्दी की अपने भाषण और लेखन दोनों के द्वारा पूरी-पूरी हिमायत की है। हिन्दी में आप नाटककार के रूप में पाये । आपने एक खासी संख्या में नाटक-रचना कर डाली । सेठ जी ने अपने नाटकों की सामग्री अनेक जीवन-क्षेत्रों और युगों से चुनी है । आपकी उत्साही लेखनी पौराणिक, ऐतिहासिक और वर्तमान युग से नाटकीय सामग्री तलाश करती फिरी है। ____ आपने पौराणिक क्षेत्र से भी कथानक चुनकर उनमें वर्तमान जीवन के लिए लाभदायक और प्रेरक रंग भरने का प्रयास किया है । 'कर्तव्य' (पूर्वार्ध) राम की जीवन-गाथा को लेकर लिखा गया है। इसमें बताया है कि किस प्रकार भगवान् राम ने कर्तव्य कर्म करते हुए अपना जीवन बिताया। 'कर्तव्य' (उत्तरार्ध) में कृष्ण का जीवन चित्रित किया गया है। इसमें भी भगवान कृष्ण का कर्तव्य-रत जीवन दिखाया गया है । 'कर्ण' भी पौराणिक नाटक है। महाभारत के इस महान् चरित्र ने भी सेठ जी की लेखनी को प्रेरित किया है । 'हर्ष', 'कुलीनता' और 'शशिगुप्त' आपके ऐतिहासिक नाटक हैं। 'हर्ष' में सम्राट हर्षवर्धन की कथा है । 'कुजीनता' में त्रिपुरी के कलचुरि क्षत्रियवंशीय विजयसिंह के पराभव और एक गोंड-सैनिक यदुराय की विजय की कथा है। 'शशिगुप्त' में मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त की जीवन-गाथा है। 'दुखी क्यों' 'महत्त्व किसे', 'बड़ा पापी कौन', 'प्रकाश', और 'विकास' सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन के नाटक हैं। सेठ जी की रचनाओं से हमें पता चलता है कि उन्होंने सभी क्षेत्रों को लिया, सभी प्रकार के चरित्रों को रखा और सामाजिक राष्ट्रीय समस्याओं को भी अपने नाटकों में स्थान दिया। उनकी कलम का कार्य क्षेत्र विस्तृत हैउनको कला की कोशिश रही हर क्षेत्र और समय में अपना कौशल दिखाने
SR No.010195
Book TitleHindi Natakkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaynath
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1952
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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