SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 577
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दिगम्बर जैन साधु (५२९ मुनि श्री मल्लिसागरजी महाराज द्वारा दीक्षित शिष्य क्षुल्लक श्री विजयसागरजी क्षुल्लक श्री विजयसागरजी महाराज क्षुल्लक विजयसागरजी का जन्म बैसाख सुदी ६ सं० १९६९ को दोसा जिला जयपुर ( राजस्थान ) में हुआ । आपके पिता का नाम श्री भूरामलजी तथा माता का नाम गेंदाबाई था। आपका गृहस्थ अवस्था का नाम श्री सोभागमलजी था । दिगम्बर जैन खण्डेलवाल छाबड़ा गोत्रीय होने के नाते बचपन से ही धर्म के प्रति आपकी रुचि थी। स्थानीय पाठशाला में ही हिन्दी की साधारण परीक्षा उत्तीर्ण कर आप धर्म चर्चा में लीन रहते थे । गुरु वंदना करते हुये सं० २००२ में ललितपुर में आपने परम पूज्य माताजी पार्श्वमतीजी से सप्तम प्रतिमा धारण की। सं० २००३ में जयपुर में परम पू० १०८ मुनिराज श्री मल्लिसागरजी से आपने क्षुल्लक दीक्षा धारण कर ली। धर्मप्रचार करते हुये आपके चातुर्मास जयपुर, अलीगढ़, झालरापाटन, कटनी, द्रुग, बूंदी, सागर, खुरई आदि विभिन्न स्थानों पर हुये । रत्नकरण्ड श्रावकाचार तथा तत्वार्थ सूत्र का नापको अच्छा ज्ञान था।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy