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________________ ४६६ ] दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लक श्री चन्द्रसागरजी महाराज पद क्षुल्लक जन्म तिथि-श्रावण सुदी ६ जन्म स्थान-बरबाई ( मुरैना ) मध्यप्रदेश श्रावक अवस्था का नाम-श्यामलालजी पिता का नाम-श्री लालारामजी जैन माता का नाम-सुमित्रादेवी जन क्षुल्लक दीक्षा-श्रवण सुदी ९ को-श्री १०८ मुनि सुमतिसागरजी महाराज से ली। क्षुल्लक श्री सन्मतिसागरजी महाराज यह भारत वसुन्धरा अनेक महान ऋषि मुनि एवं तपस्वियों की जननी है । इस वसुन्धरा पर उन्हीं का जन्म लेना सार्थक है जिन्होंने भारत देश की गौरव गरिमा को बढ़ाया है । इसी शृंखला ग्राम वरबाई जिला मुरैना के बाबूलालजी के घर दिनांक १० नवम्बर १९४६ को मां सरोजबाई की कोख से बालक . सुरेशचन्द का जन्म हुआ। सरल हंसमुख स्वभाव, साहस प्रबल, आत्म विश्वास आपमें शुरु से ही है । सभी सुख सुविधाओं से युक्त आपका घर आपको अपने मोह में नहीं फंसा सका । आपने २२ वर्ष की अल्पायु में ब्रह्मचर्य धारण कर लिया । वैराग्य सरिता में स्नान करते हुए १ फरवरी १९७२ को आपने सम्मेदशिखरजी में मुनि सुमतिसागरजी से क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण की आपका नाम क्षुल्लक सन्मति• सागरजी रखा।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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