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________________ ४९२ ] दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री शीतलसागरजी महाराज मध्यप्रदेश राज्य में भिण्ड जिले में मोहनी नाम का नगर हैं । जहाँ आपके पिता श्री परीछतजी तथा राजमति नाम की मां थी। आपके पिता व्यापार किया करते थे। सं० १९७९ को आपका जन्म हुवा तथा पूर्व नाम पाशर्फीलाल रखा गया था। ३-४ वर्ष तक स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद आपके पिता को ग्राम छोड़ना पड़ा इस समय आपकी उम्र १६ वर्ष की थी । आपने व्यापार शुरू किया तथा एक कुशल व्यापारी बन गये । आपका परिवार धार्मिक कार्यों में सदैव आगे रहता था । मुनि जम्बूसागरजी के दर्शन एवं प्रवचनों को सुनकर घर त्याग करने की भावना हुई। आपने क्षुल्लक दीक्षा ले ली। किन्तु कर्म असाता से क्षुल्लक पद छोड़ दिया तथा परिवार में जा मिले। पुनः ४५ वर्ष की उम्र में सं० २०३१ को अजमेर में मुनि सुमतिसागरजी से मुनि दीक्षा धारण की। आपका नाम शीतलसागरजी रखा । K. . मुनि श्री शम्भूसागरजी महाराज जन्म तिथि-भादो बदी ८ जन्म स्थान-घमसा श्रावक अवस्था का नाम-भागचन्दजी जैन पिता का नाम-श्री गुलजारीलाल जैन माता का नाम-विटोलाबाई जैन क्षुल्लक दीक्षा कब लो-शिखरजी में निर्मलसागरजी महाराज से ऐलक दीक्षा कब ली-बाराबंकी में निर्मलसागरजी महाराज से . मुनि दीक्षा कब ली-सावन सुदी । किन से ली-श्री मुनि सुमतिसागरजी महाराज से।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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