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________________ ३३८ ] दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लिका चन्द्रसेनाजी सं० १९५२ में उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में चान्दीबाई ने श्री अनन्तमलजी की धर्मपत्नी श्री चिरोंजादेवी की कुक्षी से जन्म लिया था । आप अग्रवाल जाति को हैं । हिन्दी भाषा का अच्छा ज्ञान था । श्रा० देशभूषणजी महाराजजी से बारबंकी में छठी प्रतिमा के व्रत धारण किए । आपने अपने पति की आज्ञा से आचार्य देशभूषरणजी महाराज से जयपुर में सं० २०१२ में क्षुल्लिका दीक्षा ली । आपने अनेकों स्थानो में भ्रमण किया तथा धर्मोपदेश देकर श्रावक श्राविकाओं को सद्मार्ग में लगाया । अन्त में समाधि लेकर आत्म कल्यारण कर स्वर्ग सिधारीं । क्षुल्लिका श्री कृष्णमती माताजी 17 श्री कृष्णाबाई का जन्म पंढरपुर महाराष्ट्र में हुवा था । आपके पिताजी का नाम श्री बापूराव कटेक था । माताजी का नाम ठक्कूबाई था । १९७० वि० सं० में आपका जन्म हुआ था । आपने मराठी में शिक्षा प्राप्त की मुनि पायसागरजी से आपने दूसरी प्रतिमा धारण की, सातवीं प्रतिमा श्रवणबेलगोला में आ० देशभूषरणजी से ली । सं० २०१६ में आ० देशभूषणजी से आपने क्षुल्लिका दीक्षा ली । आप आचार्य श्री की सेवा में रत रहती हुई आत्म साधना में रत रहती थीं अन्त में समाधि धारण कर स्वर्ग पधारीं ।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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