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________________ ६०४ ] SID.X.... .. दिगम्बर जैन साधु मुनिश्री समयसागरजी महाराज आचार्य विद्यासागरजी के छोटे भाई श्री शांतिनाथजी का आज से २५ वर्ष पूर्व सदलगा में जन्म हुआ था। आपकी शिक्षा मराठी में हुई थी। आपके माताजी व पिताजी एवं दो बहनें आचार्य श्री शान्तिसागरजी के तृतीय पट्टाचार्य श्री धर्मसागरजी महाराज से मुनि, आर्यिका दीक्षा लेकर आत्म कल्याण कर रहे हैं । आपके भाव भी आत्म कल्याण करने के हुए तथा भाई ( श्री विद्यासागरजी ) के सान्निध्य में १५-३-८० को आकर द्रोणगिरी क्षेत्र में मुनि बन गये । तथा अव आप जैन धर्म की प्रभावना कर जैन धर्म के सिद्धान्तों को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं। आप संघ के परम तपस्वी सन्तों में से एक सन्त हैं । निरन्तर ज्ञान ध्यान में लीन रहते हैं। 9. . . मुनि श्री योगसागरजी महाराज ....... Ineindiadiantaritmaraman . .... LEGRATED श्री अनंतनाथ जी का जन्म २७ वर्ष पूर्व सदलगा जिला वेलगांव में हुवा था । आपके पिता का नाम श्री मल्लप्पाजी तथा माताजी का नाम श्रीमति देवी है । आपकी लौकिक शिक्षा आठवीं तक ही है । आपके २ भाई मुनि हैं । मां पिताजी एवं दो वहिने . भी साधु पद परे हैं। आपने युवा अवस्था में १५-४-८० को सागर में मुनि दीक्षा ली। आप आत्म साधना में तत्पर हैं तथा . जैन धर्म की प्रभावना कर रहे हैं । Eart WENTAT AINSEASEVAR
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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