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________________ [ २७७ दिगम्बर जैन साधु प्रसंग : आर्यिका श्री विशुद्धमती माताजी से केशलोचन समारंभ में। स्थल : बेलगाम ( कर्नाटक ) २. सप्त व्यसन त्याग- १७-२-१९७६। ३. मुनि दीक्षा लेने की प्रतिज्ञा। १. आरणी ( मद्रास ) १५-३-१९७६ सोमवार । २. पोदनपुर ( वम्बई ) १५-३-१९७६ रविवार मुनि श्री निर्मलसागर महाराज के सान्निध्य-विशाल जन समुदाय में । ४. अशुद्ध जल का त्याग-२-१०-१९८० गुरुवार, सुबह स्थान : हुवली ( कर्नाटक) मुनि श्री दयासागर महाराजजी से । ५. दीक्षा लेने के लिए श्रीफल का अर्पण २२-१०-१९८० केशलोचन समारम्भ में स्थान-हुबली। ६. गृह त्याग :-२७-११-१९८० पूज्य श्री दयासागर महाराजजी के संघ में विहार । ७. ऐलक दीक्षा-२१-१२-१९८० रविवार सुबह । श्री दयासागर महाराजजी से । स्थल : दावणगेरी ( कर्नाटक ) । ८. मुनि दीक्षा-१६-२-१९८१ सोमवार दोपहर । प० पू० श्री दयासागर महाराजजी से । स्थल : श्रवण बेलगोला। प्रसंग : भगवान श्री बाहुबली को सहस्राब्धी महामस्तकाभिषेक के संदर्भ में। ४८ मुनिराज तथा कुल १४० पिच्छीधारी त्यागी और हजारों जनता को उपस्थिति में । ६. चातुर्मास १. १९८१ नीरा ( महाराष्ट्र)
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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