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________________ २७४ ] . दिगम्बर जैन साधु मुनि ऋषभसागरजी महाराज MA आपका जन्म ईडर गुजरात में हुवा था। गृहस्थ अवस्था का नाम श्री चम्पालालजी था। आप बचपन से धार्मिक कार्यों में विशेष भाग लेते थे, आपके ६ वच्चे थे जो सभी धर्म में रुचि रखने वाले थे। आपने मुनि दयासागरजी महाराजजी से मुनि दीक्षा धारण की । आप तपस्वी मुनिराज थे। आपने अपने जीवन काल में सैंकड़ों उपवास . किये । आपने अन्ततः श्रवण बेलगोला में दीक्षा ली । मुनि दीक्षा के बाद आपने 'सर्वतोभद्र' नामक उपवास किए । इसी उपवास के बीच में १५ वें दिन समाधि युक्त मरण हुवली कर्नाटक में किया। Syms Spardan मुनि समाधिसागरजी (प्रथम) ... . -- . . . .. PAN Pi आपका जन्म दाहोद जि. पंचमहल गुजरात में हुवा था। आपका पूर्व नाम श्री बदामीलालजी था। आपकी . लौकिक शिक्षा सामान्य ही रही । २० वर्ष की उम्र से व्यापार करना शुरू किया, आप कपड़े के प्रतिष्ठित व्यापारी थे। ६० वर्ष की उम्र में आपने मुनि दीक्षा धारण की। १० उपवास कर सल्लेखना धारण कर समाधिमरण सन् १९७७ में दाहोद में किया । आप आचार्य श्री धर्मसागरजी के शिष्य मुनि दयासागरजी से दीक्षित थे।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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