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________________ पृष्ठ सं० ५८६ मुनि विजयसागरजी in पारससागरजी प्रायिका सुमतिमतीजी क्षुल्लिका राजमतीजी " विशालमतीजी " गुणमतीजो , चन्द्रसैनाजी , वृषभसैनाजी क्षु० सुमतिसागरजी आयिका गुणमतीजी " शांतिमतीजी " कृष्णामतीजी क्षुल्लिका जयप्रभामतीजी , विजयप्रभामतीजी चित्रमाला [ २६ ] पृष्ठ सं० ५७६ श्री पायसागरजी ससंघ ५८० ॥ श्री वर्द्धमानसागरजी ससंघ श्री वीरसागरजी ससंघ ५८७ ५८० श्री शिवसागरजी ससंघ ५८८ ५८० ५८१ श्री धर्मसागरजी ससंघ ५८६ श्री धर्मसागरजी ससंघ ५८१ ५८२ श्री महावीरकीतिजी ससंघ ५९१ ५८२ , श्री विमलसागरजी ससंघ ५८२ अन्य मुनिराज, प्रायिका, क्षुल्लक, क्षुल्लिका के ५८२ चित्र जिनका परिचय प्राप्त नहीं हो सका ५६३ से ६०४ ५८३ ब्र. कमलाबाई श्रीमहावीरजी ६०५ ५०४ ब० इच्छावेन (भावनगर) ६०५ ५८४ ज० श्री कौशलजी ब्र० लाडमलजी वर्णी ५९२ ५८३ ६०६ प्राचार्य श्री शांतिसागर जी ससंघ ५५५ । ब्र. धर्मचन्द्रजी शास्त्री ६०९ ROYA
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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