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________________ २२४ ] दिगम्बर जैन साधु मुनिश्री विपुलसागरजी महाराज 220 . . ... .... ___ आपका पूर्व नाम वीरचन्दजी था । जि० टौंक में पलाई ग्राम में कस्तूरवाईजी की कुक्षि से वि० सं० १९९२ चैत्र सुदी त्रयोदशी के दिन जन्म लिया था। आपकी धार्मिक एवं लौकिक शिक्षा साधारण ही हुई। आपने विवाह नहीं करवाया वाल ब्रह्मचारी रहे। माघ सुदी पंचमी सं० २०३२ को मुजफ्फरनगर में आचार्य श्री धर्मसागरजी से मुनि दीक्षा लेकर आत्म . कल्याण के मार्ग में लगे हैं। आपका अलौकक व्यक्तित्व आचरणीय है । प्राचार्य संघ में रहकर । आत्म कल्याण के मार्ग में अग्रसर हैं।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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