SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 244
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १९६ ] दिगम्बर जैन साधु नायिका कनकमतीजी जायला . । . . . . जन्म स्थान बड़ागांव जिला टीकमगढ़ म० प्र० पूर्व नाम चिरोंजाबाई है, श्री सिंघई हजारीलालजी वैद्य आपके पिता का नाम था ६५ वर्ष पहिले श्रीमती स्व० परमावाई की कूख से जन्म लिया था, उस समय की प्रथा के अनुसार १२ वर्ष की अल्प वय में झांसी जिले के कारीटोरन के श्री दयाचन्द सिंघई के साथ विवाह हो गया था । मात्र १६ वर्ष की वय में वैधव्य का वज्रपात आ पड़ा । महिलाश्रम सिवनी, उदासीन महिला आश्रम इन्दौर तथा महिला प्राश्रम सागर में धर्म ध्यान के साथ विशारद तक अध्ययन किया। . " T.. Neo. mangram . POSTANA ___ सागर, दुर्ग तथा डालटेनगंज में अध्यापन किया श्री १०८ प्राचार्य विमलसागरजी से सातवीं प्रतिमा तथा श्री १०८ आचार्य शिवसागरजी महाराज से श्री महावीरजी में आर्यिका दीक्षा ग्रहण की। श्री महावीरजी, कोटा, प्रतापगढ़, टोडारायसिंह, अजमेर, निवाई, सुजानगढ़ आदि स्थानों में चातुर्मास हो चुके हैं। कई रसों का आजीवन त्याग कर दिया है । PALI MESAKAL
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy