SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 49
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . (३७.) २१. दात मंजन तथा दांतोंमें सींक करना नहीं। २२ पटा कुर्सी खाट पलंग पर बैठना नहीं। २३ गद्दी तकिया लगाके बैठना नहीं । २४ ऊंच श्रासन बैठके शास्त्र वाचना नहीं । २५ चमर, क्षत्रं अपने ऊपर करांना नहीं । २६ शस्त्र वांधके कमर बांधके आना नहीं। २७ घरसे कोई सवारी पै वैठक आना नहीं। २८ जूता, खडाऊं मोजा तथा उनके वस्त्र पहनके आना नहीं । . २९ नङ्गे सिर मंदिरमें बैठना नहीं। ३० शृगार विलेपन तिलकादि करना नहीं। ३१ दर्पण मुख देखना केश तिलक संवारना नहीं। ३२ डाढी मूॉपर ताव देना नहीं। ३३ हजामत.तथा केशलोच करना नहीं। . ३४ पान, तमाखू, बीडी वगैरह खाना नहीं। . .३५ खाध इलायची; लोंग सुपारी आदि.खानां नहीं। । ३६ भांग माजूमका तशा कर मंदिरमें आना नहीं ... ३७ फूलोकी मालाः कलंगी हार पहरके आना नहीं। ३८ पगडी साफा मंदिरसे बैठके वांधना नहीं.। . . . . ३९: भोजन पान मंदिर में करना कराना नहीं। ४. औषधः चूर्ण गोली आदि मंदिरमें खाना नहीं। . ११: रात्रिको पूजन तथा फलादि चढाना नहीं । .. ४२ जलकेल होली' मंदिर में खेलना नहीं। . .४३ व्याह सगाई : नेग. कारजकी चर्चा करना नहीं । ४४.सगे सम्बधी मिंत्रादिक सूं मिलनी भेट लेनी देनी नहीं । ४५ कुटुम्ब मुश्रूपा आव आदर- करना नहीं ।
SR No.010185
Book TitleDharm Jain Updesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDwarkaprasad Jain
PublisherMahavir Digambar Jain Mandir Aligarh
Publication Year1926
Total Pages151
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy