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________________ वौद्ध शिक्षापद में न हो), कर्जदार न हो, माता-पिता की आज्ञा लेकर आया हो, बोस वर्ष पूरे हो गए हो और वन, बर्तन आदि साधन-युक्त हो । २०. तैयारी: भिनु की नीचे मुजब तैयारी होनी चाहिए (१) आजीवन भिक्षाटन पर रहने की तैयारी; भिक्षा मिल जावेगी तो सद्भाग्य। (२) चीथड़ो के चीवर पर रहने की तैयारी हो : अखंड वरु मिले तो सद्भाग्य । __ (३) वृक्ष के नीचे रहने की तैयारी हो : घर मिले वो सदभाग्य। (४) गोमूत्र की औषधि से इलाज की तैयारी: धी, मगन आदि वस्तुएँ औषधि के रूप में मिलें तो सभाग्य । २१. व्रत मिनु के प्रत भितु को नीचे मुजब व्रत पालना चाहिए--(१) शुद्ध ब्रह्मचर्य १२) अस्तेय : भिनु को घास का तिनका भी नहीं चुराना चाहिएचार आना अथवा उससे अधिक की चोरी करने पर मितु संघ से निकल जाय। (३) अहिसाःजान-बूझकर छोटे से जंतु
SR No.010177
Book TitleBuddha aur Mahavira tatha Do Bhashan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishorlal Mashruvala, Jamnalal Jain
PublisherBharat Jain Mahamandal
Publication Year1950
Total Pages163
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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