SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 152
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैसा बोता है वैसा काटता है। अर्थात् जो जैसा कर्म करेगा उसी के अनुसार फल की प्राप्ति होगी वेद में कर्म-पुर्नजन्म, बहुदेववाद आदि का वर्णन है। किन्तु वेद में पुनर्जन्म का विचार अस्पष्ट है। वैदिक आर्यों को अपने जीवन से अत्यन्त प्रेम था इसका कारण यह था कि उनका जीवन आनन्दमय एवं सबल था। इसका परिणाम यह हुआ कि जीव के पुर्नजन्म के सम्बन्ध में कोई विशेष विचार की आवश्यकता नहीं महसूस हुई। अतः पुर्नजन्म का सिद्धान्त वेद से दूर प्रतीत होता है। वेद में बहुदेववाद की उपासना का वर्णन मिलता है यथा- इन्द्र, सोम, वरूण, अग्नि, सविता, पूसन आदि देवता थे और इनकी उपासना के लिये अनेक स्तुतियों का सृजन हुआ है किन्तु देवताओं का व्यक्तित्व स्पष्ट नहीं होता है। वैदिक धर्म मूर्तिपूजक धर्म स्पष्ट नहीं होता है। उस समय मन्दिर नहीं था। वेद में मानव का ईश्वर के साथ सीधा सम्पर्क स्पष्ट होता है देवताओं को मनुष्य का मित्र समझा जाता है। ब्राह्मण ____ संहिता के पश्चात के वैदिक साहित्य को ब्राह्मण कहते हैं। वेद के दो प्रमुख अंग हैं- मंत्र, ब्राह्मण मंत्र भाग का कर्मकाण्ड में विनियोग होता है; ब्राह्मण भाग मंत्रों के विनियोग की विधि बताता है। यज्ञों में मंत्रों से ही आहुति दी जाती है और ब्राह्मण भाग उसकी उपयोगिता बताता है। दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। वैदिक साहित्य में ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषदों का भी समावेश है। गौड़ अर्थ लेते हुये 'मंत्रब्राह्मणयोरवेदानामधेयम' (आपस्तम्ब) मंत्र और ब्राह्मण को वेद कहते हैं, यह उक्ति प्रचलित है। ये प्रायः गद्य में लिखे गये हैं इसमें यज्ञ की विधियों का वर्णन है यज्ञ के अतिरिक्त अन्य धार्मिक कार्यों के ढंग का भी वर्णन है। मंत्र देवता का स्मारक है। मंत्र बीज रूप है तथा ब्राह्मण वृक्ष रूप है। मंत्र संक्षिप्त तथा ब्राह्मण रूप है। ब्राह्मणों की सहायता के बिना मंत्रों का अर्थ स्पष्ट नहीं हो सकता है। जैसे सूत्रों 135
SR No.010176
Book TitleBramhasutra me Uddhrut Acharya aur Unke Mantavyo ka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVandanadevi
PublisherIlahabad University
Publication Year2003
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy