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________________ ૨૭૨ भिपक्कर्म-सिद्धि - करवीर योग-खत करवीर की जलाई काली राख ३ भाग, त्रिकटु चूर्ण ( मोठ, मरिच, छोटी पीपल प्रत्येक एक भाग), मात्रा १ मात्रा, अनुपान लगा पान के वीडे मे रख कर खाना । दिन में तीन चार वार | कासमे सद्यः लाभप्रद । (स्व० पुष्पोत्तम जी उपाध्याय अध्यापक आयुर्वेद विद्यालय हि० वि० वि० कागी का योग ) । गले का क्षोभ कम होकर कास मे लाभ पहुँचता है | एलादि वटी - छोटी इलायची, तेजपात, दालचीनी प्रत्येक आधा तोला, छोटी पीपल दो तोला, मिश्री ४ तोला, धोकर बीज निकाला मुनक्का ४ तोला, गुठली निकाला हुआ पिण्ड खजूर ४ तोला, प्रथम मुनक्का और पिण्ड खजूर को महीन पीसे । पीछे उसमे अन्य द्रव्यों का कपडछन चूर्ण मिलावे | यदि गोलो वनाने में आवश्यक्ता पढे तो उसमें शहद मिलावे । इसमें मुलैठी का सत भी ४ तोले मिला लेना चाहिए । 1 यह सूखी खांसी, पैत्तिक कास या क्षतज कास में सिद्ध योग है । दिन मे ८ से १२ गोली तक रोगी को चूसने के लिए देना चाहिए साथ में नित्य यष्ट्यादि चूर्ण ६ मागे एक मात्रा रात्रि में देना चाहिए । उत्तम कार्यकर होती है । द्राक्षारिष्ट ( क्षय रोग में पठित ) - भोजन के बाद नित्य पीने के लिये २|| तोले की मात्रा में समान भाग जल मिलाकर देना भी कास रोग में उत्तम रहता है । वासकारिष्ट - अडूने के पत्तो का स्वरम अथवा पञ्चाङ्ग का क्वाथ और मृत-सञ्जीवनी सुरा (Rectified Spinit) इन दोनो को बराबर लेकर वृत स्निग्ध मिट्टी के पात्र अथवा काच पात्र में भर कर उन पात्र के मुख को अच्छी तरह वन्द करके एक स्थान पर रख देवे । पञ्चात् उसको माफ छान कर शी में भर कर रख ले और प्रयोग करे | मात्रा १० से ३० वूद पानी मिलाकर । चंद्रामृत रस - सोठ, काली मिर्च, छोटी पीपल, हर्रे का दल, व्हेडादल, आंवला, चव्य, धनिया, जीरा, मेंधा नमक, शुद्ध पारद तथा गंधक, लौह भस्म, वक भम्म प्रत्येक एक तोला तथा शुद्ध सोहागा ४ तोला । प्रथम पारदनांधक की कज्जली बनाकर शेप वनस्पतियों के कपड़ छन चूर्ण और भस्मो को मिलावे ! बकरी के दूध तथा अटूसे के रम की भावना देकर तीन तीन रत्ती की गोलियां चना ले | मात्रा १–२ गोली दिन में तीन बार । अनुपान अदरक के रस मधु से या पिप्पली चूर्ण और मधु से या कुलत्थो के काढ़े से या मिश्री के शर्बत से, शर्वत जूफा से सूखी खांसी में खून गिरने में खून खराबा का चूर्ण ५ रत्ती मिलाकर और लाल कमल या नीलोफर के काढ़े से पोने को दे ।
SR No.010173
Book TitleBhisshaka Karma Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamnath Dwivedi
PublisherRamnath Dwivedi
Publication Year
Total Pages779
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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