SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 238
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १५४] । भगवान पार्श्वनाथ । (१२) नागवंशजोंका परिचय ! 'पातालाधिपति प्रिया प्रणयिनी चिंतामणि प्राणिनां ।। श्रीमत्पार्श्वजिनेशशासनसुरी पद्मावती देवता ॥२२॥' -बृहत्पद्मावती स्तोत्र भगवान पार्श्वनाथके शासनरक्षक यक्ष-यक्षिणी* धरणेन्द्र और पद्मावती देवयोनिके थे, यह हम प्रगट कर चुके हैं। साथ ही देख चुके हैं कि कोई नागवंशी राजा अलग अवश्य ही भगवान पार्श्वनाथका भक्त था और भगवान पार्श्वनाथसे उस नागवंशी राजाका सम्बन्ध था किन्तु प्रश्न यह है कि यह नागवंशी राजा कौन थे ? क्या यह भारतीय थे ? अथवा इनका निवासस्थान भारतके वाहिर था ? सौभाग्यसे इन प्रश्नों का समाधान भी सुगमतासे होजाता है और यह ज्ञात होता है कि यद्यपि नागवंशी मूलमें तो भारतके ही निवासी थे, परतु उपरांत वह भारतमें वाहरसे ही आकर बस गये थे। जैन पद्मपुराणसे हमको पता चला है कि जिस समय भगवान ऋषभदेवने दीक्षा धारण करली थी, उससमय उनके निकट कच्छ-सुकच्छके पुत्र नमि-विनमि आये और अन्योंकी भांति राज्य देनेकी याचना उनसे करने लगे थे। इस मुनि अव , पावनाय चरितमें श्री वाटगजमरिने इन्हें यक्ष बताया है, यह हम देख चुके है । श्री सकलकीर्ति आचार्यने भी धरणेन्द्रका उल्लेख 'यक्षगज' रूपमें अपने 'पार्श्वनाथ चरित में (सर्ग १७ श्लो० १०४-१०५) में किया है। वरजेग (Burgess) मा० ने दिगम्बर मानताके अनुसार मा ही प्रस्ट क्यिा है । (Ind Anti, XXXII, 459-464)
SR No.010172
Book TitleBhagavana Parshvanath
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages497
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy