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________________ सामाजिक संदर्भ भी राह पर नहीं लाया जा सकता, उसके प्रति भी द्वप और घृणा भाव न रख कर अधिकाधिक मध्यस्थता या उदासीनता का भाव रखना। दश उत्तम धर्म : उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शौच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन्य और उत्तम ब्रह्मचर्य । मेरा विश्वास है कि यदि उपर्युक्त व्रतों, भावनाओं और दस धर्मों को पाठ्य क्रम में प्रारम्भ से ही सम्मिलित कर लिया जाय तो हमारे छात्रों का चरित्र सम्यक् अवश्य वन सकेगा और क्योंकि देश के युवकों पर न केवल भविष्य प्रत्युत वर्तमान भी अवलम्बित होता है, अतः छात्रों का चरित्रवान होना कितना लाभदायक है, यह कहने की आवश्यकता नहीं। २. शिक्षक: भगवान महावीर के शिक्षा सम्बन्धी विचारों और उपदेशों का विश्लेषण करने के पश्चात् अब देखें कि उन्होंने शिक्षक की भी कितनी आदर्श परिभाषा दी है महावृत्त धरा धीरा भैक्ष मात्रोप जीविनः सामायिकस्था धर्मोपदेशका गुरवो मताः जो भिक्षा मात्र से वृत्ति करने वाले सामायिक व्रत में सदैव रहकर धर्म का उपदेश देते हैं, वही पुरुष गुरु कहे जाते हैं। निव्वाण साहए जोए जह्मा साहून्ति साहुणो, समा य सव्व भूएसु तह्मा ते भाव साहुणो। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य त्याग आदि महाव्रतों का मन, वचन, काय से स्वयं पालन करने वाला, दूसरों से कराने वाला तथा अन्य करने वालों की स्तुति करने वाला ही गुरु कहा जाता है। इन दो परिभाषाओं में जिस वात पर विशेष बल दिया गया है वह यह है कि शिक्षक को भौतिकवादी न होकर सादा, त्यागी और व्रती होना चाहिए तथा उन सभी वातों और आदर्शो का स्वयं पालन करना चाहिए जिनकी वह अपने छात्रों से अपेक्षा करता है । आज हमारा दुर्भाग्य ही यह है कि हमारे शिक्षक पूरी तरह भौतिकवादी हो गए हैं तथा उनकी कथनी और करनी में वांछित तालमेल नहीं है। प्रादर्श शिक्षा के गुरण : एक आदर्श शिक्षक का स्वरूप समझाते हुए कहा गया है : प्राज्ञः प्राप्तमस्तशास्त्रहृदयः प्रव्यक्तलोकस्थितिः प्रास्ताशः प्रतिभापरः प्रशमवान प्रागेव दृष्टत्तोरः प्रायः प्रश्नसः प्रभु परमनोहारी परानिन्दया बयाद्धर्मकथां गणी गुणनिधिः प्रस्यष्टमिष्टाक्षरः
SR No.010162
Book TitleBhagavana Mahavir Adhunik Sandarbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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