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________________ कर देती 'आश्चर्य न करिये देवी जी जैसी आत्मा गर्भ मे आती है वैसे ही लक्षण माता मे भी हो जाते हैं ।' और यह सुनकर रानी फिर पुलकित हो उठती। अनेक गूढ एव विज्ञता भरे प्रश्न देवियां महारानी भरदेवी से पूछती और मस्देवी उन प्रश्नो का उत्तर सक्षिप्त मे सार गभित शब्दो से देती। जिन्हे सुनकर देवियां भी चकित रह जाती। प्रत्येक दिन नया आयोजन, देविया प्रस्तुत करतो-जिसने रानी नवीन नवीन मोदभरी मुस्कराहट उपलब्ध कर पाती । कभी जलकीडा का आयोजन होता-तो तभी महारानी के साथ जल से भरे कुण्ड मे नहाती । शीतल, स्वच्छ जल का स्पर्श ज्योही अगप्रत्यग से होता त्यो हो रानो मिहर उठती। ___ कभी सगीत का आयोजन होता तो देवियाँ, वीणा सितार, मदग, झांझर आदि को सप्तस्वरो मे से क्रम से बजा बजाकर मगल गान गाती । नाचती और हाव भाव प्रदर्शित करती। कभी हास्य रस का आयोजन होता तो देवियों अनेक बातें हास्य भरी कहती जिससे रानी सती-हसती लोट पोट हो जाती थी और कहती-बस-वस' अव रहने दो • मेरा तो पेट भी हसते हसते थकता सा जा रहा है।' कभी प्रश्नोत्तरो का आयोजन होता तो देविया प्रश्न पूछती और मत्देवी उनका उत्तर देतो। जैसे - प्रश्न-क पाट्योऽशरच्युत.. उत्तर--श्लोक पाठ्योक्षरच्युत । प्रश्न-मधुर शब्द करने वाला कौन है ? उत्तर-केका । अर्थात-मयूर। प्रश्न-उत्तम गन्ध कौन धारण करता है ? उत्तर-केतकी ।
SR No.010160
Book TitleBhagavana Adinath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasant Jain Shastri
PublisherAnil Pocket Books
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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