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________________ पुनर्जन्म कोई जवान मर जाये और आप गोक में हो, तो आपके मन में कैसे विचार आते है ? 'अहो! यह ससार असार है ।' 'मौत किसी को छोड़ती नहीं ।' 'मुझे भी अबेर-सबेर इस तरह जाना पड़ेगा, इसलिए अब और संब छोडकर धर्माराधन में लग जाऊँ' पर, वापस आकर व्यवहार में पड़ जाने पर आपको वह सब कितना याद रहता है ? वही खान, वही पान, वही रहनी और वही करनी । मत्र पूर्ववत् प्रारम्भ हो जाता है और स्मशान का वैराग्य भाग जाता है। छोटा बालक किसी खिलौने से खेलता है । वह खिलौना हानिकारक है, अगर उसे छीन लिया जाये तो बालक रोता और तूफान मचाता है; परन्तु उसे बहलाकर दूसरा खिलौना हाथ में दे दे तो वह प्रसन्न हो जाता है और उससे खेलने लगता है, और पहला खिलौना अपने आप छूट जाता है। ठीक उसी तरह आदमी को जब नया जीवन मिल जाता है, तो वह गर्भावस्था का दुःख भूल जाता है। गर्भावस्था में भी बालक कभी रोता है । इस सम्बन्ध मे एक किस्सा याद आता है । अहमदाबाद में छाया डॉक्टर की स्त्री का पेट बढा। डॉक्टर ने समझा कि बह गॉठ है । अहमदाबाद के अच्छे-अच्छे डॉक्टर बुलाये गये। सबने रोगी की जॉच करके एक मत से कहा- "इसके पेट में गॉठ है, उसे निकालने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा।" ___ऑपरेशन की तैयारियाँ हुई, रोगिणी को मेज पर सुला दिया गया। उसी वक्त मिरज का एक मगहूर डॉक्टर किसी काम से अहमदाबाद आया था। उसकी फीस एक हजार रुपये थी। उसके आने की उस डॉक्टर को खबर मिली, इसलिए उसे बुलाकर सलाह लेने का निश्चय किया। पत्नी पर उसे बड़ा प्रेम था। वह अच्छी हो जाये तो हजार रुपये की उसे फिक्र नहीं थी। उसने मिरजके डॉक्टर को बुलाया। उसने स्त्री का पेट देखा । फिर वह हँसते हुए कहने लगा--"आप यह क्या कर रहे हैं ?" अन्य डॉक्टर मन
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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