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________________ २४४ आत्मतत्व-विचार ____ व्याख्यान पूरा होने के बाद नगरसेट और दूसरे कुछ लोग गुरुमहाराज के पास बैठे। उस समय बातो बातों में गुरुमहाराज ने सेठ से पूछा"क्यों सेठ । आनन्द मे हो न ? आपके पास कितनी सम्पत्ति है ?" गुरुमहाराज प्रश्न पूछे तो जवाब तो देना ही चाहिए। सेट बोला--"महाराज | एक लाख मोहरें है।" ___ पर, गुरुमहाराज ने मुन रखा था कि सेठ के पास तीन लाख मोहरें है। उन्हें लगा कि “यह सेठ कृपण है। यह धर्ममार्ग मे क्या पैसा खर्च करेगा ?" फिर भी सेठ की सत्यप्रियता की परीक्षा करने के लिए दूसरा प्रश्न पूछा-“सेठ । आपके कितने लड़के हैं ?" सेठ ने कहा-"महाराज ।' मेरे एक लडका है ।" सेठ के तीन लडके हैं, यह सारा गॉव जानता था और उन्हीं से गुरुमहाराज को भी मालूम हो गया था। इसलिए अब उन्हें ऐसा लगा कि यह गाँव चौमासा करने लायक नहीं है, और वे विहार की तैयारी करने लगे। शाम को सब प्रतिक्रमण करने के लिए आये। विहार की तैयारियाँ देखकर उन्होंने सेठ को खबर दी। सेठ गुरुमहाराज के पास आया । उस समय यकायक दौरा आने से वह बेहोश होकर जा पड़ा। लोगों ने सेठ के. लड़कों को खबर दी। सुनकर सेट का सबसे छोटा लडका दवा लेकर दौड़ता आया । कुछ देर में सेट ने होश मे आते ही लोगो से पूछा--- "आपने मेरी इस हालत की खबर सब लड़कों को दी थी ?" लोग-"हाँ, आपके तीनों लड़को को खबर दी थी!" सेठ-"उन्होने क्या जवाब दिया ?' लोग-"हमने आपके सबसे बडे लड़के को खबर दी, तो बोला कि ऐसा तो उन्हे अक्सर होता ही रहता है, सारे दिन उनके पीछे कहाँ तक दौड़ते फिरें। फिर दूसरे लड़के को खबर दी तो बोला कि इस वक्त मुझे काम है, आप लोग जरा देखभाल कीजिये, मैं आता हूँ। फिर आपके
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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