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________________ १६६ आत्मतत्व-विचार प्रकाशित किया था । उसमें जो तथ्य बतलाया गया है, वह ध्यान देने योग्य है । वे उस मननीय लेख में लिखते हैंमानव भूत, भविष्यत् और वर्तमान जान सकता है ! हम अपनी अनेक धार्मिक पुराण-कथायो में भूत, भविष्यत और वर्तमान बतानेवाले महान् ऋषि-मुनियों का हाल पढ़ते हैं। अब भी हमारे भारत में ऐसे संत-महात्मा हैं। वे हिमालय, गिरनार, आदि पहाडी की गुफाओं में रहते हैं और अपने ध्येय की साधना में मग्न रहते हैं। ___ हॉलैण्ड मै यान पीटक हरकोस नामक एक व्यक्ति है, नो भूत, भविष्यत् और वर्तमान वतला सकता है। इग्लैण्ड के स्कॉटलैंड यार्ड के एक पुलिस अधिकारी को यह गत सुनकर आश्चर्य और शंका हुई। उसने और उसके सहयोगियो ने इस बारे में खातरी करने के लिए पीटर को बुलवा भेना । १९५१ के बड़े दिन का त्यौहार या । उस वक्त कॉटलैंड यार्ड की पुलिस का बुलावा सुनकर पीटर विचार में पड़ गया। पर, वह गवा । पुलिस अधिकारी ने पीटर का स्वागत करते हुए कहा-"मिस्टर पीटर, हमने सुना है कि आप भूत, भविष्यत् और वर्तमान जान सकते है । क्या यह सच है ? "जी"-पीटर ने नम्रतापूर्वक उत्तर दिया । "क्या आप व्यपनी बक्ति द्वारा हमारी सहायता करेंगे?' "कहिये, क्या सेवा है ?" "वैट मिटर अवे' में से राज्याभिषेक की एक बहुत मूल्यवान चीन चोरी चली गयी है। उसकी तलाश में अगर आप हमारी मदद करेंगे, तो बडी कृपा होगी और हम आपकी अद्भुत शक्ति की प्रतीति भी हो यता दूंगा!"
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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