SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 1. 2. 3. 4. अनुक्रमणिका शांतिनाथ जिन स्तवन सम्पादक की कलम तेरा तुझको सौपिया, क्या रखा है मोय मुनिश्री १०८ प्रमाणसागरजी महाराज का चातुर्मास : सतना का सौभाग्य मुनिश्री प्रमाणसागरजी व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रारंभिक वक्तव्य 5. 6. 7. पूज्य आ. विद्यासागरजी के विशेष चिंतन 8. तत्वार्थसूत्र के कर्ता आचार्य गृद्धपिच्छ जीवन वृत्त : 9. तत्वार्थसूत्र की व्याख्याओं का वैशिष्ट्य 10. सम्पूर्ण जैनागम का सार : तत्वार्थसूत्र 11. रत्नत्रय की विवेचना 12 तत्वार्थसूत्र में रत्नत्रय की विवेचना 13. सम्यग्दर्शन का स्वरूप एवं साधन 14. तत्वार्थसूत्र में प्रमाण - नय मीमांसा 15 तत्वार्थसूत्र में जैन न्यायशास्त्र के बीज 16. जीव के असाधारण भावों की विवेचना आधुनिक संदर्भ में 17. आचार्य उमास्वामी की दृष्टि में अकालमरण 18. बायोटेक्नालॉजी, जेनेटिक इंजीनियरी एवं जीव विज्ञान 19. भूगोल एवं खगोल : तत्वार्थ सूत्र के संदर्भ में 20. पौद्गलिक स्कंधों का वैज्ञानिक विश्लेषण तत्वार्थसूत्र में वर्णित पुद्गल द्रव्य 21 4. 23. 24. जैन दर्शन में अजीब द्रव्यों की वैज्ञानिकता 'उत्पादव्ययश्री व्ययुक्तंसत्' : एक व्याख्या An Important Sources of Indian Law तत्वार्थ सूत्र एवं भारतीय दण्ड विधान : एक विवेचन 26. चैन कर्म सिद्धांत एवं आधुनिक मनोविज्ञान 27. कर्मानव के कारण एक ऊहापोह 25 पं. शिवचरण लाल बैन ब्र. डी. राकेश जैन सिं. जयकुमार जैन श्री पवन जैन पं. निहाल चन्द मुनि प्रमाण सागर जी पं. रतनलाल बैनाड़ा श्री विजय कुमार जैन ब्र. डी. राकेश जैन डॉ. के. एल. जैन पं. निर्मल जैन डॉ. सुरेशचंद जैन पं. मूलचंद लुहाड़िया डॉ. जयकुमार जैन डॉ. शीतलचंद जैन डॉ. कमलेश कुमार जैन डॉ. श्रेयांश कुमार जैन प्रो. डॉ. अशोक जैन पं. अभय कुमार जैन श्री अजित कुमार जैन डॉ. कपूरचंद जैन पं. निहालचंद जैन डॉ. अशोक जैन A Shri Suresh Jain, I.A.S. श्री अनूपचंद जैन एड. प्रो. भागचंद जैन 'भास्कर' डॉ. रतनचंद जैन VII IX XII XV XVII 1 5 14 24 27 32 38 45 56 63 ៖គឺ៖ ៖ ៖ ៖ ៨៖ 100 106 114 119 124 128 139
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy