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________________ 出 सम्पादित की है। साथ ही हम प्राचार्य श्री जुगलकिशोर जी मुख्तार प्रविष्टता श्रीरमेवामन्दिर, श्री वासुदेवशरण जी अग्रवाल, प्रोफेसर बनारस विश्वविद्यालय तथा डा० हीरालाल जी म्रध्यक्ष प्राकृत विद्यापीठ मुजफ्फरपुर ( बिहार ) के भी बहुत आभारी है जिन्होंने इस पुस्तक के प्रास्ताविक, प्राक्कथन, प्राथमिक लिखकर इस पुस्तक की उपयोगिता को बहुत बढ़ा दिया है। श्री पं० परमानन्द जी तथा श्री मुनीन्द्रकुमार जी ने इस पुस्तक के कुछ प्रूफ देखे हैं, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं हम श्री रामचंद्र जैन भारत सरकार valuation officer, पुन-निवास मत्रालय तथा श्री अलि भा० दिसम्बर जनकेन्द्रीय महासमिति देहली के प्रभारी हैं जिन्होने इस पुस्तक के प्रकाशन मे १३१ क्रमश. तथा ५१ ) दान देकर इस पुस्तक की उपयोगिता को अपनाया है । हमे प्राशा है कि पुस्तक की उपयोगिता से जनता प्रभावित होकर इस पुस्तक को अपनायेगी । जितप्रसाद जैन ठेकेदार सभापति महताबसिंह जैन महामन्त्री मादीश्वरप्रसाद जैन मंत्री पन्नालाल जैन मंत्री जैन मित्र मंडल, धर्मपुरा, देहली
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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