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________________ 1887), श्री महावीर प्रसाद जी सर्राफ दिल्ली, पं राजकुमार जी शास्त्री निवाई: (राजस्थान), डॉ. महावीर प्रसाद जैन खन्दौली (सन् 1997), जातिभूषण श्री ममनलाल जैन शुजालपुर (1892 ई.) श्री पंचमलाल जी महाराजपुर (सन् 1887), श्री जैनेन्द्र कुमार जैन (सन् 1936), फिरोजाबाद, पं. नरसिंहदास जैन प्रतिष्ठाचार्य चावली (आगरा), श्री कस्तूरचंद जैन (सन् 1879-1944) सारंगपुर, श्री दुलीचंद जैन (सन् 1902) सारंगपुर, श्री राजेन्द्र कुमार जी जैन (सन् 1920) अवागढ़, श्री छोटे लाल शास्त्री जनकपुरा (मन्दसौर), देवचंद जैन (सन् 1922) (रीवां, जिला-मैनपुरी), लाला गौरीशंकर जैन फिरोजाबाद, श्री भगवान स्वरूप जैन (1801ई.) टूंडला, श्री बाबूलाल (सन् 1882-1942) कोटकी, श्री गुलजारी लाल जैन (सन् 1884-1951) कोटकी, बैलगाड़ी से सम्मेदशिखर की यात्रा करने कराने वाले श्रीमान् रामस्वरूप (सन्1886-9141) कोटकी, रेलवे सेवा में उत्तम कार्य कर रेल मंत्री बाबू जगजीवन राम जी से पुरस्कृत-सम्मानित होने वाले श्री महावीर प्रसाद जैन (सन् 1925) अहारन, पं. श्री निवास शास्त्री चिरहोली, पाण्डेय ज्योति प्रसाद जैन, नगला सुरूप गनशूटिंग प्रतियोगिता (सन् 1954) में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित श्री कमल कुमार (1813 ई.) कोटकी, श्री रघुवर दयाल जैन (सन् 1901-1966) एटा, प्रो. (डॉ.) त्रिलोकचन्द जैन जामनगर (गुजरात), श्रीमती कुन्ती देवी जैन (सन् 1904) नगला स्वरूप, अवागढ़-रियासत के सरकारी वकील साथ ही महाराजा के शिकार-संबंधी कार्यों का निर्भीक विरोध करने वाले श्री बनारसी दास जैन, जलेसर, दानवीर रायसाहब नेमिचंद जैन (जिन्हें दीर्घकाल तक आचार्य शान्तिसागर महाराज की वैयावृत्ति करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था), कैप्टेन माणिकचन्द्र जैन फिरोजाबाद । यह सूची अन्तिम नहीं है यह तो केवल एक बानगी मात्र है। उक्त सभी यशस्वी नाम केवल पावली पुरवाल समाज के ही नहीं, बल्कि समन जैन समाज एवं पूरे देश-विदेश के जैन इतिहास को शवलित करने वाले हैं। पावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 382
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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