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________________ पर्व गांधीनगर में मनाया गया। कार्यक्रम का झंडारोहण श्री पारसदास अनिलकुमार जैन गुलमोहर पार्क ने किया। इस आयोजन की पूर्व संन्ध्या पर धर्मशाला के लिए निश्चित किये गये मकान की खरीद का व्याना दे दिया गया। समारोह में इसकी विधिवत घोषणा की गई। 1 जुलाई 1996 को धर्मशाला की जगह की रजिस्ट्री श्री प.पु. दि. जैन समाज शाहदरा क्षेत्र रजि. के नाम करादी गई। इसके उपरांत मुनि श्री 108 अरुण सागरजी महाराज एवं मुनि श्री 108 पुलकसागर जी महाराज के पावन सान्निध्य एवं दिल्ली की पद्मावती पुरवाल दिगम्बर जैन जाति के अपार श्रद्धालुओं की उपस्थिति में शांति विधान एवं णमोकार मंत्र पाठ सम्पन्न हुआ। उसी समय धर्मशाला में शुद्धि के साथ प्रवेश कर मंगल कलश की दिनांक 12/7/96 को स्थापना की गई। इस अनूठे कार्य में प. पु. दि. जैन जाति ने जो सहयोग दे कर आर्थिक उदारता और पारस्परिक एकता का परिचय दिया है, उसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं । इस प्रकार श्री पद्मवातीपुरवाल दिगम्बर जैन धर्मशाला का लोकार्पण करके जनसाधरण के उपयोग के लिए खोल दी गई । कुछ समय बाद धर्मशाला में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया जो लगभग डेढ़ वर्ष की अल्प अवधि में ही पूर्णतः की ओर पहुंच गया। गांधीनगर में धर्मशाला के निर्माण के संकल्प को मूर्तरूप देने में पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत, धर्मपुरा दिल्ली - 6, उसके अध्यक्ष श्री रमेशचन्द जैन कागजी और श्री विनोदकुमार जैन रेलवे वालों के साथ-साथ श्री पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन समाज शाहदरा क्षेत्र गांधीनगर के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार जैन, मंत्री श्री महेशचन्द जैन, चौधरी श्री अतरचन्द जैन, श्री सुगनचन्द जैन इम्फाल वाले, श्री नवीन जैन रोहिणी, श्री सुमतप्रकाश जैन अवागढ़ वालों आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा। सर्वाधिक योगदान रहा दोनों संस्थाओं के एकजुट समस्त पदाधिकारियों, सदस्यों और कार्यकर्ताओं से प्रभावित उदार दानदाताओं का, जिन्होंने खुले पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 261
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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