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________________ अधिक समय तक पढ़ाई बातू नहीं रही। आपका सार्वजनिक जीवन प्रत्यक्ष रूप से 1964 में प्रारम्भ हुआ। श्री पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव पर श्री भारतवर्षीय दि. जैन संरक्षिणी सभा का मरसलगंज में 69 वां अधिवेशन हुआ, उसके स्वागताध्यक्ष के रूप में आप पहली बार पधारे। तब से आपका सार्वजनिक जीवन विविध क्षेत्रों में विभिन्न रूपों में गतिशील रहा। आप समाज में धार्मिकता के प्रतीक, और आदर्श शिक्षा सेवी के रूप में सुस्थापित हुए। सन् 1982 में श्री भा. दि. जैन महासभा ने आपकी अनुपस्थिति में तथा अनभिज्ञता में आपको अपना अध्यक्ष मनोनीत किया। श्री महावीर ग्रंथ अकादमी, जयपुर की संचालक समिति के आप सम्मानित सदस्य नियुक्त किये गये। सेवाएंट्रस्टी श्री शांतिवीर संस्थान, शांतिवीर नगर, श्रीमहावीर जी। ट्रस्टी श्रीमती छुट्टोदवी जैन दातव्य ट्रस्ट, आगरा। ट्रस्टी ऋषभनगर अतिशय क्षेत्र, मरसलगंज परम संरक्षक-आचार्य महावीर कीर्ति दिगम्बर जैन धर्म प्रचारिणी सभा, अवागढ़ (एटा) । संरक्षक-आगरा दि. जैन परिषद आगरा, श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र तथा विद्यालय, पपौरा जी आगरा दि. जैन शिक्षा समिति एवं एम.डी. जैन इन्टर कालिज,आगरा। श्री बाबूलाल जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अलीगढ़। सरपंच-अवागढ़ पंचायत, अवागढ़। निर्माण सहयोग1. महावीर दि. जैन इण्टर कालिज, आगरा के भवन, फर्श आदि। पद्यावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 135
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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