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________________ स्व. पं. रघुनाथदासजी आप सरनऊ (एटा) निवासी थे। 'जैन गजट' पत्र के नवें ( सन् 1916 से 1923) 7 वर्षों तक सम्पादक रहे। महासभा के माध्यम से समाज सेवा में अग्रणीय रूप से आपने भाग लिया । स्व. पं. रामप्रसादजी शास्त्री आपका जन्म जटौआ (पो. अहारन, जिला आगरा) में हुआ था । परन्तु सेवा क्षेत्र ऐलक पन्नालाल दि. जैन सरस्वती सदन, बम्बई रहा । स्व. पंडित जी उत्कृष्ट विद्वान एवं गुरुभक्त थे। किसी भी शास्त्री विषय पर सप्रमाण लेखन आपका प्रिय विषय था। आपने अनेक पुस्तकें लिखीं। विद्वानों से स्नेह करते थे एवं बड़े मधुर वक्ता थे । पंडित लालारामजी शास्त्री पं. लालाराम जी शास्त्री का जन्म ग्राम चावली में हुआ था। आपके पिता श्री तोताराम जी पद्मावती पुरवाल समाज के भूषण थे। आप जैसे धर्मात्मा, निरपेक्ष, अनुभव वैद्य के वैसे ही स्वभाव व सज्जन व परोपकारी थे । पिता के ये गुण विद्वच्छिरोमाणी, धर्मरत्न सरस्वती दिवाकर सुपुत्र लालाराम जी में सुविकसित हुए। आपके छोटे भाइयों में पंडित श्री नंदलाल जी ( मुनिश्री सुधर्मसागरजी) और पं. मक्खनलाल जी शास्त्री, मोरैना के नाम विशेषतया उल्लेखनीय हैं। जैसे अन्य विद्वान यत्र-तत्र विद्यालयों में पढ़ाने के लिये प्रसिद्ध हैं, वैसे ही शास्त्री जी एक से अधिक ग्रन्थों के टीकाकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। आप धर्म में शास्त्री और संस्कृत-हिन्दी भाषा के अधिकारी विद्वान थे । आपकी टीकाओं की विशेषता यह रही कि आप जहां ग्रन्थ का कठिन भाग पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 126
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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