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________________ नाम--- - रवीन्द्रकुमार जैन लेखक परिचय जन्म - 15-12-1925 - झाँसी (उ०प्र०) शिक्षा - जैन सिद्धान्त शास्त्री, काव्यतीर्थं, एम० ए० (हिन्दी एवं मस्कृत), शैक्षिक सेवा पी-एच० डी०, डी० लिट्० - पंजाब, आगरा, तिरुपति (आन्ध्र प्रदेश) एव मद्रास विश्व विद्यालयो मे कुल 35 वर्ष तक स्नातकोत्तर एवं शोध स्तरीय अध्यापन किया। सन् 1985 में दक्षिण भारत हिन्दी प्रचारसभा के विश्वविद्यालय विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर के रूप मे सेवावकाश ग्रहण किया । - 35 छात्रो ने पी-एच० डी०, तथा 50 छात्रो ने एम० फिल्० उपाधियाँ आपके निर्देशन में प्राप्त की । प्रमुख प्रकाशित ग्रन्थ साहित्य, संस्कृति एवं समाज से सम्बन्धित लगभग 200 लेख प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओ, स्मारिकाओ मे प्रकाशित । एक सशक्त कवि, लेखक, वक्ता एव प्राध्यापक के रूप मे ख्याति अर्जित । 1 कविवर बनारसीदास 2. तप्त लहर 3. उपन्यास सिद्धान्त और संरचना 4 बिहारी नवनीत 5. जन मानस 6 साहित्यिक अनुसंधान के आयाम 7. साहित्यालोचन के सिद्धान्त 8. साक्षात्कार 9 बालशौरिरेड्डी का औप० कृतित्व 11. A Seientific Treatise on Great शोध स्वकाव्य समीक्षा समीक्षा स्व काव्य समीक्षा काव्य शास्त्र काव्य समीक्षा Namokar Mantra 11 महामन्त्र णमोकार : वैज्ञानिक अन्वेषण समीक्षा 1964 1965 1972 1972 1972 1975 1989 1990 1991 1993 1993
SR No.010134
Book TitleNavkar Mahamantra Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain, Kusum Jain
PublisherKeladevi Sumtiprasad Trust
Publication Year1993
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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