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________________ 122 / महrera णमोकार एक वैज्ञानिक अन्वेषण परमेष्ठी की गरिमा प्राथमिकता और अतिशयता सिद्ध करने मे भो ऐसा हुआ भी है। इस पर दृष्टिपात आवश्यक है । " जिसके आदि में अकार है, अन्त मे हकार है और मध्य मे बिन्दु सहित रेफ है वही (अर्ह) उत्कृष्ट तत्त्व है। इसे जानने वाला ही तत्वज्ञ है ।"" अरिहन्त परमेष्ठी वास्तव मे एक लोक-परलोक के सयोजक सेतु परमेष्ठी है । ये स्वय परिपूर्ण हैं, प्ररक हैं और हैं जीवन्मुक्त । अरिहन्त परमेष्ठी स्वयं तप आराधना एव परम सयम का जीवन व्यतीत करते है अत महज ही भक्त का उनसे तादात्म्य-सा हो जाता है और aftarfan श्रद्धा उमडती है। अरिहन्त जीव दया और जीवन न्याण जीवन का बहुभाग व्यतीत करते हैं। वास्तव मे णमोकार मन्त्र का प्रथम पद ही उसकी आत्मा है-उसका प्राणाधार है। अरिहन्त विशेष रूप से वन्दनीय इसलिए है क्योंकि वे प्राणी मात्र की विशुद्ध अवस्था के पारखी है और इसी आधार पर 'आत्मवत सर्वभूतेषु' तथा 'भित्ती मे सम्बभूदेष' उनकी दिनचर्या मे हस्तामलकल झलकते हैं - दिखते है । अरिहन्त की विराटता और जीव मात्र से निकटता इतनी अधिक है कि आज केवल अर्हत मे ही पच परमेष्ठी के गर्भित कर लेने की बात जोर पकडती जा रही है। अर्हत सम्प्रदाय की वर्धमान लोकप्रियता और देश-विदेश मे उसकी नवचैतन्यमयी दृष्टि का प्रभाव बढता ही जा रहा है। अहत नाद, अर्थ, आसन ध्यान, मंगल, जप आदि के स्तर पर भी पूर्णतया खरे उतर चुके है। अहन मे असल र सम्पूर्ण मूलभूत का समाहार हो जाता है । अत समस्त मन्त्र मातृकाओ के अर्हत मे गर्भित होने से इसकी स्वयमे पूर्ण मन्त्रात्मकता सिद्ध होती है । अरिहन्त ही मूलत तीर्थकर होते हैं । तीर्थकरो मे अतिशय और धर्मतीर्थ प्रवर्तन की अतिरिक्त विशेषता पायी जाती है अत वे अरिहन्त तीर्थंकर कहलाते है । "राग द्वेष और मोह रूप त्रिपुर को नष्ट करने के कारण त्रिपुरारि, ससार मे शान्ति स्थापित करने के कारण शकर, नेत्रद्वय और केवलज्ञान से ससार के समस्त पदार्थों को देखने के कारण त्रिनेत्र एव कर्म विचार जीतने के कारण कामारि के रूप मे अर्हत् परमेष्ठी मान्य होते हैं ।' • मगल मन्त्र णमोकार एक अनुचिन्तन- पृ० 41 "
SR No.010134
Book TitleNavkar Mahamantra Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain, Kusum Jain
PublisherKeladevi Sumtiprasad Trust
Publication Year1993
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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